पीएम आवास में धांधली : आवास दिलाने के नाम पर पूर्व सभासद ने बुजुर्ग दम्पत्ति से की धोखाधड़ी

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Published By Vinay Shukla
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महिला सभासद ने पति के संग मिलकर अनाधिकृत रुप से परिचितों को आवांटित कराए सरकारी आवास

बुजुर्ग दम्पत्ति ने आरटीआई ( सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत जुटाए कई साक्ष्य

अमृत विचार, लखनऊ। राजधानी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जिन आवासों को गरीब परिवारों के अपना घर का सपना पूरा करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, लेकिन जालसाजों ने लाभार्थियों के हक में सेंधमारी कर उन आवास को अनाधिकृत रुप से परिचितों के नाम पर आंवटित करवा लिया। पीएम आवास में धांधली से जुड़ा एक मामला सैरपुर थाना अंतर्गत कमलाबाद बढोली वार्ड संख्या-6 से आया है। जहां पूर्व सभासद ने पति के संग मिलकर एक बुजुर्ग दम्पत्ति का मकान हड़प लिया। पूर्व में दम्पत्ति ने जालसाजों के खिलाफ मड़ियांव कोतवाली में लिखित शिकायत देते हुए सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, बावजूद इसके पुलिस ने जालसाज सभासद व उसके पति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इस पर पीड़ित दम्पत्ति ने सभासद और उसके पति के खिलाफ आरटीआई ( सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत कई अहम साक्ष्य भी जुटाए हैं, जिसके आधार पर पीएम आवास योजना का फर्जीवाड़ा खुलकर आ सकता है, बशर्ते मामले की उच्चस्तरीय जांच हो जाए।

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 डीसीपी के आदेश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी

 मूलरुप से बागपत जनपद निवासी अंजली सिंह पति महेंद्र सिंह के साथ सैरपुर थाना अंतर्गत कमलाबाद बढोली वार्ड संख्या-6 में निवास करती थी। लिखित शिकायत में पीड़िता ने बताया कि जनवरी  2019 में वार्ड संख्या छह की तत्कालीन सभासद अर्चना सिंह और उसके पति अवनीश सिंह ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी दी, बातचीत में महिला सभासद ने बताया कि उनके क्षेत्र में पीएम आवास योजना की स्कीम आई है। इसके बाद सभासद ने बुजुर्ग दम्पत्ति को मकान दिलवाने का आश्वासन देते हुए उनके सभी दस्तावेज अपने पास रख लिए। पीड़ित दम्पत्ति ने बताया कि अक्टूबर 2019 में दो मदों में उनके खाते में पीएम आवास योजना के तहत भवन निर्माण का पैसा आया, फिर दम्पत्ति ने मकान निर्माण करना शुरू कर दिया। पीड़ित का कहना है कि मकान निर्माण के लिए अपनी तरफ से भी उन्होंने चार लाख रुपये खर्च किए थे।

मकान योजना

आरोप है कि जब मकान पूरी तरह से तैयार हो गया, तब सभासद अर्चना सिंह व उसके पति अवनीश सिंह ने उनका मकान हड़प लिया। विरोध करने पर जालसाजों ने दम्पत्ति को धमकी देते हुए वहां से भगा दिया। इसके बाद बुजुर्ग दम्पत्ति ने सभासद और उसके साथियों के खिलाफ ग्राम पंचायत में शिकायत दी, बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। फिर पीड़ित दम्पत्ति ने तत्कालीन डीसीपी नार्थ रईस अख्तर से मुलाकात कर मदद मांगी, जिनके निर्देश पर मड़ियांव पुलिस ने सभासद अर्चना सिंह, पति अवनीश सिंह, अवधेश सिंह, नीरज सिंह और चंदन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसके बाद दम्पत्ति ने पुलिस को सारे साक्ष्य मुहैया कराए थे। बावजूद इसके पुलिस ने इस मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा केस को डम्प कर दिया।

अनाधिकृत रुप रिश्तेदारों को आवंटित कराए आवास

अंजली सिंह ने बताया कि उनके पति महेंद्र लोकतंत्र सेनानी थे। ठगे जाने पर वर्ष 2020 में उन्होंने कमलाबाद बढोली वार्ड संख्या-6 पीएम आवास में हुई धांधली को लेकर आरटीआई दाखिल की थी। जिसके माध्यम से उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि सभासद अर्चना सिंह ने उनके पद का गलत इस्तेमाल कर परिचितों से रुपया लेकर उन्हें प्रधानमंत्री आवास आंवटित कर दिए। जबकि परिचितों के पास अपने पक्के मकान हैं। जिसके बाद पीड़ित दम्पत्ति ने सभासद अर्चना सिंह और उसके पति के खिलाफ कई साक्ष्य एकत्र किए है। जिनका लिखित ब्यौरा सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। मामले की उच्चस्तरीय जांच हो जाए, तो पीएम आवास का एक फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।

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दम्पत्ति को मिलने लगी धमकी

पीएम आवास घोटाला से जुड़ी खबर और दम्पत्ति की समस्या को अमृत विचार ने अपने चैनल में प्रसारित किया था, खबर प्रसारित होने के बाद जालसाज बुजुर्ग दम्पत्ति को धमकी दे रहे हैं। महेंद्र सिंह का कहना है कि आरोपित उन्हें गोली मारने की धमकी दे रहे थे।

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