कानपुर के उर्सला अस्पताल में तीमारदारों ने दो डॉक्टरों को पीटा...पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया, जानें- पूरा मामला
कानपुर के उर्सला अस्पताल में तीमारदारों ने दो डॉक्टरों को पीटा

कानपुर, अमृत विचार। उर्सला अस्पताल से मरीज की छुट्टी नहीं करने पर तीमारदारों ने परिसर में दो डॉक्टरों को सोमवार रात जमकर पीटा। घटना की वजह से उर्सला कैंपस में कर्मचारियों के बीच दहशत फैल गई। लेकिन परिसर में ही बनी उर्सला चौकी से पुलिस दो से तीन सौ मीटर पर हुए घटनाक्रम में मौके पर नहीं पहुंच सकी। डॉयल 112 की पुलिस ने एक को पकड़ा, लेकिन सब भाग गए। घटना सीसीटीवी में कैद है।
उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में सोमवार को मोहम्मद कमल नाम का एक मरीज एनीमिया ग्रस्त पहुंचा, जिसको डॉ.गौतम जैन के अंडर में भर्ती किया गया। शिफ्ट बदलने पर रात में डॉ.राहुल गायकवाड़ आए और वार्ड में राउंड लेने लगे। तभी मोहम्मद कमल का बेटा जबरदस्ती मरीज की अस्पताल से छुट्टी करने की बात कहने लगा। इसपर डॉ. राहुल ने सीनियर डॉक्टर से बात करने के बाद ही छूट्टी मिलने की बात बोली। डॉ. राहुल का आरोप है कि इसी बीच मरीज के बेटे ने किसी अंकित पांडेय नाम के व्यक्ति को कॉल कर अस्पताल बुलाया।
युवक जैसे ही वार्ड में आया वह गाली-गलौज करने लगा और डॉक्टर की कॉलर पकड़ ली। डॉक्टर युवक को धक्का देकर हॉस्टल की तरफ भागा तो अंकित अपने करीब 10 से 12 साथियों के साथ हॉस्टल पहुंचा और मारपीट करने लगा। किसी तरह डॉक्टर ने जान बचाकर भागने की कोशिश की लेकिन आरोपियों ने डॉ.राहुल को पकड़ लिया और ब्लड बैंक की तरफ ले जाकर पीटने लगे। साथ ही जेब में रखे रुपये भी लूट लिए।
तभी बचाव के लिए सीनियर डॉ. प्रदीप मौर्या पहुंचे तो युवकों ने उनको भी जमकर पीटा और सिर फोड़ दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर वहीं पर गिर पड़े। यह पूरी घटना होती रही, लेकिन परिसर में बनी उर्सला पुलिस चौकी में पुलिस कर्मियों को भनक तक नहीं लगी। किसी की सूचना पर डॉयल 112 की गाड़ी अस्पताल परिसर में पहुंची भी लेकिन सिर्फ एक युवक को ही हिरासत में ले सकी। बाकि सब युवक दोनों डॉक्टरों को अस्पताल में घुसकर पीटने के बाद भाग गए।
उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ.एचडी अग्रवाल ने बताया कि उर्सला प्रशासन घायल डॉक्टरों के साथ है, उनको किसी भी प्रकार परेशान होने की जरूरत नहीं है। कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष कुमार का कहना है कि डॉक्टरों से मिली तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही हैं। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
अस्पताल परिसर में करते हैं काम आरोपियों परिजन
डॉक्टरों के मुताबिक आरोपी अंकित पांडेय के पिता मनोज कुमार पांडेय अस्पताल में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है। इसके अलावा अन्य जो लड़के थे, उनके भी परिजन अस्पताल परिसर में किसी न किसी पद पर काम करते हैं। परिसर में ही बने क्वार्टर में रहते हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि यह लोग आए दिन किसी न किसी के साथ अभद्रता व बदसलूकी किया करते हैं, जिसकी वजह से मरीज व तीमारदारों में भी दहशत बनी रहती है। अस्पताल परिसर और हॉस्टल में घुसकर मारपीट की घटना के बाद से डॉक्टरों के बीच दहशत का महौल है। कहना है कि हॉस्टल में हम खुदको असुरक्षित महसूस करते हैं।