बरेली : थर्ड पार्टी ऐप से लोन लेना हो सकता है खतरनाक

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Published By Pradeep Kumar
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बरेली में डेढ़ लाख से दो लाख लोगों ने लिया है 10 लाख से 50 लाख तक का ऋण

बरेली, अमृत विचार। इन दिनों थर्ड पार्टी ऐप से लोन लेना आम हो गया है लेकिन यह खतरनाक हो सकता है। प्ले स्टोर पर दर्जनों ऐप हैं जो 15 से 20 प्रतिशत ब्याज पर लोन देने का दावा करते हैं लेकिन बाद में ब्याज की रकम बढ़ा दी जाती है। कई लोग इसका शिकार हो चुके हैं। ऐसे में लोन लेने के दौरान सावधानी बरतनी जरूरी है।

जिले में ऐप के माध्यम से करीब डेढ़ लाख लोगों ने 10 से 15 लाख रुपये तक लोन लिया है। अधिकांश एप से छोटी-छोटी राशि में ऋण आवंटित किया जाता है। दो हजार से ढाई लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एडवांस ऑफिसर पीके माहेश्वरी ने बताया कि ऐसे थर्ड पार्टी ऐप अक्सर अत्यधिक ब्याज दर और अस्पष्ट शर्तों के साथ लोन प्रदान करते हैं। लोन लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति चुकौती में विफल रहता है, तो उसे भारी जुर्माना और ब्याज दरों का सामना करना पड़ सकता है। कई एप में उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी और डेटा को सुरक्षित रखने के प्रति सतर्कता नहीं दिखाई जाती, जो साइबर सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक हो सकता है। अक्सर लोन की शर्तें और प्री-पेमेंट पेनल्टी का विवरण ठीक से स्पष्ट नहीं होता है, जो बाद में उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

एलडीएम वीके अरोड़ा ने बताया वित्तीय सुरक्षा और सम्मानजनक ऋण लेने के लिए उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे पहले से स्थापित और मान्यता प्राप्त बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन प्राप्त करें। किसी भी लोन ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें। इससे न केवल पैसे की सुरक्षा होगी, बल्कि व्यक्तिगत डेटा भी सुरक्षित रहेगा।

केस-1
राजेंद्र नगर निवासी एक व्यक्ति के बेटे ने एक क्रेडिट ऐप से 5000 रुपये का लोन लिया। लोन की वापसी के दौरान उसका ब्याज 28.5 प्रतिशत दर्शाया गया। लोन की अदायगी नहीं होने पर कई बार फोन पर सिविल खराब करने समेत अन्य धमकी दी गईं। एक साल बाद उन्होंने 9200 रुपये देकर लोन क्लियर किया।

केस- 2
वीर सावरकर नगर निवासी युवक ने ऐप पर अप्लाई कर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 2500 रुपये का लोन लिया। वापसी के दौरान ग्राहक सेवा नहीं होने से वह ऋण वापस नहीं कर पाया। दो साल तक लोन जमा न होने से उनका ड्यूज बढ़ता गया, साथ ही सिविल भी प्रभावित हुई।

 

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