मानवीय समर्थन की सराहना

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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आज वैश्विक समुदाय जिन महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है, उनमें भारत प्रमुख स्थान रखता है। भारत ने कुशलता से अमेरिका-रूस संबंधों के खराब दौर में भी खुद को सुरक्षित रखा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की और यूक्रेन के लिए शांति के संदेश एवं मानवीय समर्थन के लिए उनकी सराहना की। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए क्वाड जैसे क्षेत्रीय समूहों सहित अन्य मंचों के जरिये मिलकर काम करने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।

यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा को कूटनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले  बाइडन प्रशासन ने पिछले महीने उनकी रूस यात्रा की आलोचना की थी और कई पश्चिमी देशों ने इस पर नाराजगी जताई थी। बाइडेन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए भारत और अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। साफ है कि  बाइडेन अपनी कूटनीति की धार हिंद-प्रशांत में  तेज करना चाहते हैं। 

रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था। तब से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। संयुक्त राष्ट्र ने 10,000 से अधिक नागरिकों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक होने की संभावना है। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए एक साथ बैठना चाहिए और भारत शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

भारत एक ऐसा देश है जो वैश्विक राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने की कोशिश कर रहा है, भले ही उसे इसके लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हो। यूक्रेन की यात्रा पश्चिम और पश्चिम से बाहर सभी को यह दिखाने की रणनीति का हिस्सा रही कि भारत सभी से बात करने के लिए तैयार है। यह देखना महत्वपूर्ण है अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में भारत की उभरती भूमिका,वैश्विक व्यवस्था की मजबूती और स्थायित्व में भारत के बढ़ते योगदान को किस तरह से देखा जा रहा है?

अमेरिका को ये एहसास हो गया है कि बढ़ते हुए चीन का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ सहयोग में बढ़ोतरी आवश्यक है क्योंकि चीन पहले से ही क्षेत्रीय स्तर पर और उसके आगे अपने महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की सामरिक स्थिति इन सवालों पर विचार करने के लिए एक नजर प्रदान करती है।