सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बैकफुट पर आए तेलंगाना के सीएम, बिना शर्त मांगी माफी, जानें मामला

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Published By Deepak Mishra
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हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को जमानत दिए जाने से संबंधित उनकी कथित टिप्पणियों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा कड़ी आपत्ति जताए जाने के मद्देनजर शुक्रवार को कहा कि इन टिप्पणियों को गलत संदर्भ में समझा गया। उन्होंने अपने बयानों के लिए ‘‘बिना शर्त खेद’’ भी व्यक्त किया। 

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा कि वह देश की न्यायपालिका का अत्यधिक सम्मान करते हैं और उस पर पूर्ण विश्वास करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि 29 अगस्त को कुछ प्रेस रिपोर्ट में ‘‘उनके नाम से जो टिप्पणियां शामिल की गईं’’ उससे ऐसा प्रतीत हुआ कि वह अदालत की न्यायिक समझ पर सवाल उठा रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं। मैं प्रेस रिपोर्ट में व्यक्त किए गए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं। इन रिपोर्ट में मेरे द्वारा कही गई टिप्पणियों को गलत संदर्भ में समझा गया। न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के लिए मेरे मन में अत्यंत सम्मान और आदर है। भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों में दृढ़ विश्वास रखने वाले व्यक्ति के रूप में, मैं न्यायपालिका को सर्वोच्च सम्मान देता हूं और देता रहूंगा।’’ 

न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामलों में कविता को दी गई जमानत के संबंध में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की टिप्पणियों पर बृहस्पतिवार को कड़ी आपत्ति जताई थी। पीठ ने कहा था, ‘‘क्या हम राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं?’’ रेड्डी ने कविता की जमानत के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बीआरएस के बीच कथित सौदेबाजी की ओर इशारा किया था। शीर्ष अदालत ने उनके इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि ऐसे बयानों से लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं। 

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