बाराबंकी : सियार सामने आने के बाद अलर्ट मोड पर ग्रामीण, डर हावी  

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Published By Vinay Shukla
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सूरतगंज/रामनगर, बाराबंकी, अमृत विचार। मोहम्मदपुर खाला क्षेत्र में एक सियार के मिलने व उसे ग्रामीणों द्वारा मार डालने के बावजूद दहशत कहीं से कम नहीं हुई है। सियार के आम स्वभाव पर गौर करें तो यह भेड़िये के इर्द गिर्द रहकर हुंकार भरा करते हैं। इसलिए भी ग्रामीण किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते। रामनगर, मोहम्मदपुर खाला हो या सतरिख क्षेत्र सियार मिलने के बाद ग्रामीण और सतर्क हो गए हैं। आलम यह कि जंगली जानवर के डर में बच्चों का स्कूल तो छूटा ही घर के बाहर खेलना भी बंद हो गया है। पाबंदियों के बीच लोगों की दिन व रात घर के भीतर ही गुजर रही है। 

मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में लालपुर करौंता चौकी के सामने सियार ने कई लोगों पर हमला कर दिया। इसे जाने देने का जोखिम छोड़ एकत्र ग्रामीणों ने इस पर हमला बोल दिया। सियार ज्यादा देर तक सांस नहीं ले सका। खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों के अलावा वन विभाग के अधिकारी भी पहुंच गए और सियार के शव को अपने कब्जे में ले लिया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में सतर्कता और बढ़ गई है। ग्रामीण मानते हैं कि अगर सियार मिला है तो भेड़िए के होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसीलिए और सतर्क रहना अब जरूरी हो गया है। अब तो प्रभावित गांवाें के अलावा अन्य दर्जनों गांवों जो कि घने जंगलों के आस पास हैं में भी ग्रामीण अलर्ट मोड पर हैं। उधर रामनगर थाना क्षेत्र में जंगली जानवर की दस्तक से ग्रामीणों में भय व्याप्त है। रात भर गांव के लोग लाठी डंडा टार्च लेकर पहरा देने को मजबूर हैं।

अभी तक विभागीय टीम ने जंगली जानवर होने की पुष्टि नहीं की है। विभाग के अधिकारी ग्रामीणों की सूचना पर तत्काल गांव पहुंच कर काम्बिंग कर रहे है। ज्ञात हो कि विगत शुक्रवार को ग्राम बिंदौरा परसपुर के पुरैना में गन्ने के खेत मे मोहन के द्वारा जंगली जानवर होने की बात कही गयी थी। जिसके बाद तत्काल वन विभाग की टीम ने पिंजड़ा लगाकर काम्बिंग शुरू की थी। उसके बाद रविवार को ग्राम मझौनी के ग्रामीणों को जंगली जानवर की आहट मिली थी यहां भी वन विभाग की टीम ने जांच पड़ताल कर ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी थी। वही थाल खुर्द में मिट्ठू व रामजी तथा रामदीन की पड़िया व अमर सिंह के पड़वा और ग्राम प्रधान सुनील के पालतू कुत्ते पर जंगली जानवर ने हमला किया था।

सूचना पाकर वन विभाग की टीम ने गाँव पहुंच कर ग्रामीणों से सतर्कता बरतने को कहा था। थाना क्षेत्र में विचरण कर रहे जंगली जानवर की दहशत बनी है। ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं। विद्यालय जाने वाले छात्र छत्राओं के माता भी बच्चो को अकेले विद्यालय भेजने से कतरा रहे हैं। शाम होते ही गांव के घरों के दरवाजे बंद हो जाते हैं। बहुत जरूरी काम होने पर ही ग्रामीण लाठी डंडा टॉर्च से लैस होकर घर से बाहर निकलते हैं। सतरिख क्षेत्र में भी रात भर जागकर ग्रामीण पहरा देने को मजबूर हैं।

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