हल्द्वानी: दशकों पुराने फिल्टर प्लांटों की होगी मरम्मत, बदले जाएंगे पंप और पैनल

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। जल संस्थान के दशकों पुराने शीशमहल प्लांट की मरम्मत कर जलशोधन की क्षमता को सुधारा जाएगा। जल संस्थान इसके लिए चालीस लाख रुपये खर्च करेगा। प्लांट में सुधार करने के बाद नए प्लांट बनने तक शहर की पेयजल व्यवस्था मजबूत हो सकेगी। सिल्ट और गंदगी बढ़ने के बाद भी प्लांट से भरपूर रूप से शोधन की प्रक्रिया हो सकेगी। बरसात का सीजन खत्म होने के बाद नवंबर पहले सप्ताह से यह कार्य किया जाएगा। 

1775 के दशक में बनें शीशमहल फिल्टर प्लांट से 60 साल पहले शहर को 30 एमएलडी पानी देने की व्यवस्था थी लेकिन धीरे-धीरे प्लांट पुराना होने और आबादी बढ़ने के बाद क्षमता में कमीं आने लगी है। वर्तमान में सामान्य दिनों में प्लांट से पुराने पंप और धीमी क्षमता के कारण मात्र 26 एमएलडी पानी का अधिकतम शोधन हो पाता है।

वहीं बरसात के दिनों में यह घटकर 16 एमएलडी पहुंच जाता है ऐसे में शहर की पूरी आबादी तक पानी पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में विभाग ने दो प्रस्ताव बनाकर शीशमहल फिल्टर प्लांट के पुराने पंपों, क्लेरीफायरों और पैनलों को बदलने तैयारी की है। विभाग के अनुसार इससे आने वाले समय में पानी की शोधन क्षमता में भी सुधार आएगा। 

पुराने हो रहे पंप और प्लांट के क्लेरीफायर बदले जाने हैं। इसके लिए दो बीस-बीस लाख के प्रस्ताव बनाए गए हैं। नवंबर पहले सप्ताह में बारिश के बाद इनमें कार्य होना है। - आरएस लोशाली, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान।