हल्द्वानी: शहर के ऑटो चालकों को पहननी होगी वर्दी और गले में लटकाना होगा आईकार्ड

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Published By Bhupesh Kanaujia
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बेटियों के सुझावों पर जिला प्रशासन ने तैयार की एसओपी, डीएम वंदना सिंह ने एसओपी पालन कराने के दिए आदेश 

हल्द्वानी, अमृत विचार। जिला प्रशासन ने बेटियों की सुरक्षा के लिए कवायद शुरू कर दी है। स्कूल-कॉलेज में छात्राओं के आने-जाने के समय व अंधेरे में पुलिस गश्त, शोहदों के खिलाफ अभियान के बाद अब टेंपो चालकों के लिए एसओपी जारी की गई है। यह एसओपी छात्राओं के बताए सुझावों के आधार पर तैयार की गई है।

जिलाधिकारी वंदना सिंह की ओर से टेंपो चालकों के लिए पांच सूत्रीय एसओपी जारी की है। इसमें पहले चरण में काठगोदाम-फतेहपुर-पंचायत घर-लालकुआं की परिधि के अंतर्गत आने वाले टेंपो चालकों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन में सिटी मजिस्ट्रेट/संबंधित एसडीएम अध्यक्ष, एआरटीओ प्रवर्तन सचिव, संबंधित सीओ, संभागीय निरीक्षक सदस्य होंगे। यह समिति वाहन स्वामी एवं चालक और वाहन का सत्यापन करेगी। समिति की ओर से सत्यापन में टेंपो यूनियन के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। इसके अलावा टेंपो चालकों को एक परिचय पत्र पहनना होगा।

इस परिचय पत्र में चालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, लाइसेंस नंबर, वाहन की श्रेणी, पुलिस सत्यापन की संख्या, वैधता तिथि होगी जिसमें पुलिस व लाइसेंसिंग अधिकारी के  साइन होंगे। इसके अलावा चालक खाकी पैंट-कमीज, चार पॉकेट फ्लैप वाला कोट पहनेंगे। यह टेंपो चालकों की भी जिम्मेदारी होगी कि वाहन में बैठे यात्रियों के साथ सभ्य व्यवहार हो खासकर महिला व बुजुर्ग यात्रियों के साथ हो। 
  
टेंपो में भी करने होंगे ये सुधार
1.प्रथम पंक्ति में चालक एवं यात्री बीच फिक्स रॉड होनी चाहिए, सिर्फ बाईं तरफ से ही यात्री प्रवेश व निकासी करेंगे।
2.चालक की सीट के पास टूल बॉक्स के ऊपर एवं चालक की सीट की पीछे कोई अतिरिक्त या फोल्डिंग सीट नहीं लगाई जाएगी
3.वाहन के पीछे बाईं आरे बड़े अक्षरों में वाहन स्वामी का नाम, मोबाइल नंबर, परमिट एवं फिटनेस की वैधता लिखनी होगी
4.वाहन के भीतर व बाहर बड़े स्पष्ट अक्षरों में इमरजेंसी नंबर 112, पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100, एंबुलेंस 108 और महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 लिखवाना जरूरी होगा

एसओपी का पालन कराने का जिम्मा एआरटीओ का होगा 
डीएम वंदना सिंह ने एसओपी का सख्ती से पालन कराने के लिए भी समिति पर जिम्मेदारी सौंपी है। एआरटीओ  प्रवर्तन स्वयं इसकी निगरानी करेंगे। यह समिति रोस्टर तैयार कर सप्ताह में न्यूनतम दो बार वाहनों का औचक निरीक्षण करेगी और एसओपी के मानकों की जांच करेगी। यह जांच स्कूल में छात्राओं की छुट्टी होने पर की जाएगी। समिति को हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय को सौंपनी होगी।