बाराबंकी: पत्नी के नाम से ठेकेदारी की चाहत में फंसे प्रधान सहायक, रिपोर्ट दर्ज
कृषि विभाग की निविदा में फर्जी फर्म के जरिए डाला टेंडर
बाराबंकी, अमृत विचार। सरकारी नौकरी करने के बावजूद अतिरिक्त लाभ की चाहत कृषि अधिकारी कार्यालय में तैनात प्रधान सहायक को महंगी पड़ गई। कृषि विभाग में बीज ढुलाई कार्य का टेंडर निकला तो प्रधान सहायक अपनी पत्नी के नाम से बनी फर्म की ओर से निविदा में शामिल हो गए। बात छिप नहीं सकी और जब जिला कृषि अधिकारी ने त्रिस्तरीय कमेटी के जरिए जांच करवाई तो फर्म, लगाए गए प्रमाण पत्र, फर्म का पता फर्जी निकला, यहां तक कि जिस ट्रक नंबर का जिक्र निविदा के लिए किया गया, वह जांच में तिपहिया आटो निकला। कलई खुलने के बाद कृषि अधिकारी की तहरीर पर प्रधान सहायक व उनकी पत्नी के खिलाफ शहर कोतवाली में विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
दर्ज मामले के अनुसार बाराबंकी में बीजों की ढुलाई हेतु परिवहन पल्लेदारी के ठेकेदार के चयन हेतु ऑनलाइन बिड 13 जुलाई को फ्लोट की गई। जिसमें मेसर्स एसके इण्टरप्राइजेज ने भी प्रतिभाग किया। इसी बीच शिकायत मिली कि निविदा में कार्यालय के पटल सहायक राम कृष्ण पाल प्रधान सहायक ने अपनी पत्नी शिव कुमारी पाल के नाम से बनाई गई फर्म मेसर्स एसके इण्टरप्राइजेज को ठेका दिलाने के लिए प्रतिभाग कराया है। इस सम्बन्ध में कार्यालय के प्रधान सहायक 22 अगस्त को स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसके जवाब में प्रधान सहायक ने इंकार कर दिया।
इस पर फर्म को मूल अभिलेखों सहित कार्यालय में आने हेतु कहा गया। फर्म से मूल अभिलेख परीक्षण हेतु मांगा गया परन्तु कोई जवाब नहीं मिला। स्पष्टीकरण न दिये जाने पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया। मूल अभिलेख कार्यालय में प्रस्तुत न किये जाने पर फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। जांच समिति ने अपनी गोपनीय आख्या 26 सितंबर को पेश की, जिसके अनुसार फर्म द्वारा दर्शाया गया पता मौके पर मौजूद नहीं है। कार्यालय से प्रेषित रजिस्टर्ड डाक भी वापस आ गई। अभिलेख निर्गत करने वाले प्राधिकारी से सत्यापन कराए जाने पर परिवहन पल्लेदारी हेतु उपलब्ध वाहन के रूप में ट्रक नंबर का सत्यापन कराने पर उक्त वाहन मो0 रजी नई बस्ती पीरबटावन के नाम से पंजीकृत तिपहिया वाहन मिला।
जीएसटी पंजीकरण प्रमाण पत्र की जांच में वह भी गलत मिला। हैसियत प्रमाण पत्र में शब्द एडिटेड सामने आए। यह भी कि हैसियत प्रमाण पत्र में अंकित मोबाइल नम्बर पटल सहायक राम कृष्ण पाल का ही दर्ज है एवं कार्यालय में मानव सम्पदा पोर्टल पर भी अंकित है। प्रस्तुत आधार कार्ड में दर्ज पता एवं पति का नाम वही है, जो कार्यालय में तैनात पटल सहायक राम कृष्णपाल का है।
वहीं फर्म की की प्रोपराइटर शिवकुमारी पाल के आधार कार्ड का पता वही है जो इनके पति प्रधान सहायक राम कृष्ण पाल का है। स्पष्ट हुआ कि राजकीय पद का दुरुपयोग करते हुये कूटरचित अभिलेखों के माध्यम से शासनादेशों के विपरीत अपनी पत्नी को अपने ही कार्यालय में टेण्डर दिलाने का प्रयास कर कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किया गया है।
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