पीलीभीत: नमक सप्लाई में रार; पुराना सप्लायर बोला- अधिकारी कर रहे मनमानी...जिलाधिकारी से की शिकायत
पीलीभीत, अमृत विचार। राशन की दुकान पर बिकने वाले नमक को लेकर दो सप्लायरों के आमने-सामने आने के बाद मची हलचल शांत नहीं हो सकी है। नए सप्लायर को मौखिक स्वीकृति देते हुए कोटेदारों को भी उसी से नमक लेने का फरमान जारी कर दिया गया है।
डीएसओ और एआरओ बीसलपुर पर राजनीतिक दबाव में मनमानी करने और हाईकोर्ट का आदेश न मानने का आरोप लगाते हुए पुराने सप्लायर ने डीएम से शिकायत की है। फिलहाल नमक के इस खेल की लड़ाई थमने के बजाय गरमाती दिख रही है।
शहर के कृष्ण विहार कॉलोनी के रहने वाले संजीव मिश्रा पुत्र ओमप्रकाश मिश्रा ने जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि वह मैसर्स लक्ष्मी कैम फूड एवं जलक्ष्मी कैम फूड प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड के सेल्स मैनेजर हैं। नमक का कारोबार करते हैं। जनपद भर में उनका नमक सप्लाई होता है। जिसकी सप्लाई पूर्व में जिला पूर्ति अधिकारी की ओर से पांच जुलाई 2018 को बंद कर दी गई थी।
इस आदेश के खिलाफ वह इलाहाबाद हाईकोर्ट गए थे। एक रिट दायर की थी, जिसमें आदेश हुआ कि उनके नमक की सप्लाई पूरे जिले में नहीं रोकी जाएगी। उनका कहना है कि ये आदेश अभी भी प्रभावी है। मगर, 29 सितंबर 2024 को जिला पूर्ति अधिकारी और एआरओ बीसलपुर ने बुलाया। वहां पर तमाम कोटेदार भी थे।
इस दौरान आरोप है कि राजनीतिक दबाव में मौखिक आदेश कर दिए गए कि अब पीड़ित का नमक कोई नहीं लेगा, दूसरे सप्लायर का नमक लेने की बात कह दी गई। आरोप है कि हाईकोर्ट का आदेश भी दिखा गया लेकिन मानने से इनकार कर दिया। एआरओ पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए डीएम से उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में नमक की सप्लाई पर मौखिक रोक हटवाने की मांग की है।
बता दें कि दूसरे 2007 से संजीव मिश्रा का नमक जिम्मेदार कोटेदार के माध्यम से बिकवाते आए हैं। अब दूसरे सप्लायर को कमान सौंप दी गई है। इसके पीछे एक नेताजी की सिफारिश होने का आरोप पुराने सप्लायर ने लगाया है। हालांकि डीएसओ विकास कुमार ने इस पूरे मामले से विभाग का कोई लेना देना न होने की बात कही।