Kanpur: वायरल बुखार के साथ डेंगू फैला रहा अपने पंख, रोज मिल रहे मरीज, बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। पूरे शरीर व जोड़ों में दर्द की समस्या हो रही है। जांच कराने पर कई मरीजों की प्लेटलेट्स भी कम मिली हैं। वायरल बुखार के साथ ही डेंगू ने भी अपने पंख फैलाने शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को शहर में एक युवक में डेंगू की पुष्टि भी हुई है। ऐसे में एहतियात बरतना जरूरी है। खास बात है कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। इसलिए घर के अंदर और आस-पास पानी का जमाव न होने दें।
 
हैलट के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में कई तरह के वायरल की चपेट में आकर प्रतिदिन 30 से 40 मरीज बुखार ग्रस्त पहुंच रहे हैं, जिनमे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, बैक्टीरियल इंफेक्शन, फ्लू लाइक इनलेस व फ्लू लाइक सिस्टम के मरीज शामिल हैं। 

वायरल की गिरफ्त में आकर मरीजों को बुखार, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत, कमजोरी, खांसी, सांस लेने में दिक्कत व गले में खराश जैसी समस्या हो रही है। ऐसे में हैलट के विशेषज्ञ डेंगू के लक्षण मानकर प्रतिदिन डॉक्टर 30 से 40 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेज रहे हैं, लेकिन इनमे से एक या दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है। दवाएं अधिकांश मरीजों को डेंगू में इस्तेमाल होने वाली ही दी जा रही है। 

रोज मिल रहे डेंगू के एक-दो मरीज

मेडिसिन विभाग के प्रो. बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि बारिश के बाद कई तरह के संक्रमण लोगों पर हावी होने लगते हैं, जिनमे बैक्टीरियल इंफेक्शन आदि भी शामिल हैं। इन दिनों प्रतिदिन एक या दो मरीजों में डेंगू पॉजिटिव मिल रहा है, हालांकि अबकी डेंगू पहले की तरह आक्रमक रूप में नहीं दिख रहा है। बुखार ग्रस्त मरीज शरीर व जोड़ों में दर्द की समस्या बने रहने की शिकायत जरूर कर रहे हैं। 

हैलट, उर्सला व कांशीराम अस्पताल में वार्ड 

हैलट के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह ने बताया कि डेंगू व वायरल फीवर से ग्रस्त मरीजों के लिए वार्ड नंबर 10 आरक्षित है। उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ.एचडी अग्रवाल ने बताया कि इमरजेंसी के बगल में स्थित वार्ड को डेंगू व वायरल फीवर से ग्रस्त मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। कांशीराम अस्पताल के सीएमएस डॉ.स्वदेश गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी के साथ ही 12 बेड मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। 

ऐसे करें बचाव 

-घर और आस-पास पानी का जमाव न होने दें
-गमलों में, छत पर पड़े कबाड़ में पानी न इकट्ठा होने दें
-पानी भरे स्थानों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
-कूलर में भरा पानी रोज बदलते रहें
-फ्रिज के पीछे की ट्रे में पानी न भरा रहने दें
-भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।
-फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
-ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें। 
-एसी व कूलर का इस्तेमाल सीमित करें।
-पोषण युक्त भोजन का सेवन करें।

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