हल्द्वानी: नहीं सुलझी धीरज की मौत की गुत्थी, 6 साल बाद आरोपी बरी

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। छह साल पहले घर से कोचिंग के लिए एक छात्र की सड़क हादसे में मौत हो गई। जिस वाहन चालक पर युवक को टक्कर मार कर मार डालने का आरोप था उसे कोर्ट ने बरी कर दिया। संदेह का लाभ पाकर एक आरोपी को तो न्याय मिल गया, लेकिन छह साल बाद सवाल फिर वही खड़ा हो या है कि छात्र को टक्कर मारने वाला कौन था। 

तल्ली नाली मल्ली नाली अल्मोड़ा निवासी महेश सिंह बिष्ट पुत्र मोहन सिंह बिष्ट ने 27 अक्टूबर 2018 को काठगोदाम थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका कहना था कि 27 अक्टूबर को उनका 22 वर्षीय भतीजा धीरज सिंह बिष्ट पुत्र हर सिंह बिष्ट घर से कोचिंग के लिए निकला था।

आरोप था कि बाइक सवार धीरज पनचक्की के पास पिकअप ने अपनी चपेट में ले लिया और उसकी मौत हो गई। पिकअप नंबर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो पाया कि पिकअप को हरिपुर कर्नल भोटियापड़ाव निवासी हरजीत सिंह पुत्र परमजीत सिंह आहूजा चला रहा था। मामला प्रथम अपर सिविल की कोर्ट में पहुंचा। छह साल तक मुकदमा चला। मृतक की ओर से नौ गवाह पेश किए गए, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी गवाह एक भी नहीं था।

पुलिस की जांच में पिकअप को छोटा हाथी लिखा गया। कुल मिलाकर हरजीत के खिलाफ एक भी ठोस सुबूत नहीं मिला और कोर्ट ने हरजीत को संदेह के लाभ के आधार पर बरी कर दिया। हालांकि पुलिस की जांच से यह साफ है कि हादसा हुआ और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी ने इसका समर्थन किया। बावजूद इसके धीरज के मौत की गुत्थी अनसुलझी रह गई।

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