मसूरी का प्रसिद्ध कंपनी गार्डन अब 'अटल उद्यान' के नाम से जाना जाएगा

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Published By Bhupesh Kanaujia
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मसूरी, अमृत विचार। पहाड़ों की रानी मसूरी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल कंपनी गार्डन को अब 'अटल उद्यान' के नाम से जाना जाएगा। बृहस्पतिवार को कृषि मंत्री गणेश जोशी और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस नए नाम का उद्घाटन किया। 182 वर्षों बाद अंग्रेजों द्वारा दिया गया 'कंपनी गार्डन' का नाम बदलकर अब इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल उद्यान रखा गया है।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह पल गर्व का है, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मसूरी से उनका विशेष लगाव था। जोशी ने कहा कि गुलामी के प्रतीक 'कंपनी गार्डन' को अब 'अटल उद्यान' के रूप में एक नया पहचान मिलेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि शीघ्र ही यहां अटल बिहारी वाजपेयी की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।

इसके अलावा, मंत्री जोशी ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत को सुनिश्चित बताया और यह भी कहा कि एमपीजी कॉलेज और टाउन हॉल के नाम बदलने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि स्थानीय लोगों और पर्यटन प्रेमियों द्वारा लंबे समय से इस स्थल का नाम बदलने की मांग की जा रही थी, जिसे अब साकार किया गया है। उन्होंने निकाय चुनाव के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि निकाय चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे।

इतिहास का एक नया अध्याय
इतिहासकार जयप्रकाश उत्तराखंडी के अनुसार, कंपनी गार्डन की स्थापना अंग्रेजों के शासनकाल में 1842 में डॉ. एच. फाकनर ने की थी। पहले इसे 'म्युनिसिपल गार्डन' कहा जाता था, बाद में इसे 'कंपनी गार्डन' का नाम दिया गया। अब इसे एक नए नाम 'अटल उद्यान' से नवाजा गया है, जो न केवल अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि उत्तराखंड के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी बन गया है।

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