बदायूं: कांग्रेसियों को नहीं निकालने दिया कैंडल मार्च, पुलिस ने छीन लीं मोमबत्तियां
शहर में लाबेला चौक और ककराला में शहीद स्थल पर जलाई मोमबत्ती
बदायूं, अमृत विचार। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संभल जाने से रोकने के बाद कांग्रेसियों ने कैंडल मार्च की तैयारी की लेकिन पुलिस ने मार्च नहीं निकलने दिया। जिसके बाद कार्यालय में महात्मा गांधी के चित्र पर मोमबत्ती जलाई गई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी को संभल जाने से रोकना अलोकतांत्रिक प्रक्रिया एवं संविधान की हत्या जैसी है।
कांग्रेस पार्टी के आह्वान पर जिला कांग्रेस कमेटी ने जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह व शहर अध्यक्ष मोहम्मद असरार के नेतृत्व में परशुराम चौक से गांधी ग्राउंड चौराहे पर कैंडल मार्च निकालने की तैयारी की। लाबेला चौक के पास एकत्र हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस ने कैंडल मार्च नहीं निकलने दिया। इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने जिलाध्यक्ष को रोका और उनके हाथ से कैंडल छीन ली। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि पुलिस के दम पर यह सरकार नहीं चलेगी। जिसके बाद कांग्रेसियों ने कार्यालय पर महात्मा गांधी के चित्र पर कैंडल जलाकर संभल में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। जिलाध्यक्ष ने कहा कि कैंडल मार्च शांति का प्रतीक होता है। जिसे रोकर शासन व प्रशासन ने संदेश दिया है कि वह शांति में विश्वास नहीं रखते। मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव जितेंद्र कश्यप ने कहा कि पुलिस द्वारा शांति मार्च को रोकने का कृत्य भी एक अलोकतांत्रिक प्रक्रिया है जो यह दर्शाता है कि सरकार राहुल गांधी से डरी हुई है। जिला उपाध्यक्ष गौरव राठौर, वीरेश तोमर, मोरपाल प्रजापति, महेंद्र कनौजिया, सूरज पाल सिंह सोलंकी, डॉ. राम रतन पटेल, इगलास हुसैन आदि उपस्थित रहे।
ककराला में शहीद स्थल पर जलाई कैंडल
वहीं कांग्रेस के प्रदेश सचिव अजीत सिंह यादव की मौजूदगी में कस्बा ककराला में शहीद स्थल पर मोमबत्ती जलाकर सरकार की सद़्बुद्धि की कामना की। प्रदेश सचिव ने कहा कि भाजपा सरकार राहुल गांधी से डर गई है। जिसके चलते संभल नहीं जाने दे रही। राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं जोकि एक संवैधानिक पद है उन्हें पीड़ितों से मिलने से रोकना संविधान और लोकतंत्र की हत्या है। कहा कि देश की एकता, भाईचारे और शांति के लिए संघर्ष जारी रहेगा। फैजियाब खान, डॉ. सोहराब खान, तजम्मुल अंसारी, लाल मुहम्मद अंसारी, अकरम खान, नुरुल हसन, नजमुल, तौहीद खान, फितरत खान, लबीब आदि उपस्थित रहे।
