कक्षा 5 और 8 के छात्रों को भी किया जाएगा फेल, नेक्स्ट क्लास में नहीं होंगे प्रमोट, जानें क्या कहता है नया नियम 

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः शिक्षा गुणवत्ता तो बनाए रखने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से नए नियम जारी किए गए हैं। इन नियमों के तहत अब 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को एंवल एग्जाम में पासिंग माक्स न पाने पर फेल किया जा सकता है, लेकिन इस बाद भी स्टूडेंट्स को एक मौका दिया जाएगा। उन्हें दो महीने के अंदर फिर से एग्जाम देना का मौका दिया जाएगा। ऐसे में उन्हें दूसरे दिए गए इस मौके में पास होना जरूरी है। अगर वे इस एग्जाम में भी फेल गए तो उन स्टूडेंट्स को नेक्स्ट क्लास में प्रोमोट नहीं किया जाएगा। ये नया प्रावधान पहले से लागू व्यवस्था में बदलाव कर जारी किया गया है। पहले जहां छात्रों को 8वीं कक्षा तक बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था अब ऐसा नहीं है।

दरअसल, साल 2010-2011 से कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा को खत्म कर दिया गया था, जिसकी वजह से छात्रों को अगली कक्षा में भेज दिया जाता था। भले ही उन्होंने एग्जाम में सफलता प्राप्त न की हो। इस वजह से स्कूली शिक्षा की व्यवस्था और स्तर नीचे गिरता जा रहा था। ऐसे में बोर्ड एग्जाम में भी इसका असर दिखता था। 10वीं और 12वीं की बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट भी खराब आने लगे थे।

कब होगा लागू?
नए बदलाव के साथ राज्य सरकारों को अब यह अधिकार मिलेगा। राज्य सरकार चाहे तो 5वीं और 8वीं तक की कक्षाओं में बोर्ड परीक्षा आयोजित करवा सकती हैं। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग से जारी किए गए इस आदेश में इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। इसे 'निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियम 2024' के रूप में पहचाना जाएगा। यह नियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद तुरंत लागू हो गए हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
नई शिक्षा नीति (NEP) के लागू हो जाने के बाद प्राथमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा में कई सारे बदलाव देखने को लगातार मिल रहे हैं। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों के अध्ययन स्तर को सुधारना, नई पहचान देने और शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि NEP के माध्यम से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और छात्रों को अपने पढ़ाई को गंभीरता से काम करने का अवसर मिलेगा। 

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