बच्चों में पेशाब संबंधी समस्या को न करें नजरअंदाज, हो सकता है घातक

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: बच्चों में जन्मजात पेशाब व गुर्दा संबंधी किसी भी प्रकार की परेशानी या लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। ऐसे बच्चों में बीमारी का इलाज समय पर जरूरी है। यह जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेडी रावत ने दी।

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वह शुक्रवार को केजीएमयू के न्यू ओपीडी भवन में पीडियाट्रिक सर्जरी डे पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. जेडी रावत ने बताया कि बहुत से बच्चे पेशाब से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की बीमारी के साथ पैदा होते हैं। इन बीमारियों में पेशाब का रास्ता निश्चित जगह न होना, अविकसित अण्डकोष, गुर्दे की सूजन आदि शामिल हैं। अत्याधुनिक उपकरणों जैसे लैप्रोस्कोप, सिस्टोस्कोप, इन्डोस्कोप आदि से ऑपरेशन किया जा सकता है। जो सुरक्षित है। मरीज जल्द से जल्द रिकवर हो जाता है। कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. एसएन कुरील, डॉ. अर्चिका गुप्ता, डॉ. आनन्द पांडेय, डॉ. सुधीर सिंह, डॉ. नितिन पंत, डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. राहुल कुमार राय समेत सभी रेजीडेन्ट एवं विभाग के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

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