अदालत का फैसला : हत्या के दोषी दो भाइयों को उम्रकैद, 50 - 50 हजार रुपये अर्थदंड

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Published By Vinay Shukla
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प्रतापगढ़ अमृत विचार : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ममता गुप्ता ने हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए राजेश व सुरेश पुत्रगण भग्गू राम निवासी लाल का पुरवा थाना जठेवारा को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 50 - 50 हजार रुपए अर्थ दण्ड से दंडित किया।

 वादिनी मुकदमा शिवकुमारी निवासी लाल का पुरवा ने जठेवारा थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 19/20 जून 2010 की रात में और मेरा पति श्यामलाल ग्राम बुधियापुर से निमंत्रण से घर पर आकर अपने दरवाजे के सामने चारपाई पर अलग-अलग लेट गए। प्रतिदिन की तरह नीम की पेड़ में लालटेन जल रही थी। रात करीब 1:30 पर एक मोटर साइकिल लाल रंग की मेरे दरवाजे से पश्चिम की तरफ गई और 15 मिनट बाद वही मोटरसाइकिल वापस आई।

मेरे पति के चारपाई के बगल बाइक रोक कर राजेश पुत्र भग्गूराम निवासी लाल का पुरवा जो कि पीछे बैठा था मेरे पति के गले में तमंचा सटाकर गोली मार दिया। पुनः उसी मोटरसाइकिल जिसे सुरेश पुत्र भग्गूराम चल रहा था मोटरसाइकिल स्टार्ट किया और बैठकर दोनों पूर्व की तरफ भाग गए। इस घटना को आसपास के लेटे नंदलाल व अन्य कई लोगों ने देखा। अभियोजन की ओर से 10 गवाहों के माध्यम से 11 प्रदर्शो को साबित कराया गया। घटना के समय मृतक की उम्र 45 वर्ष बताई गई। राज्य की ओर से पैरवी एडीजीसी राकेश प्रताप सिंह ने की।

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की जेल,50 हजार अर्थदंड

अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पारुल वर्मा ने मोनू उर्फ संतलाल थाना लालगंज को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने, वह उसे जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कारावास तथा 50 हजार रुपया अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि पीड़िता को उसके चिकित्सीय एवं मानसिक आघात की पूर्ति तथा उसके पुनर्वास हेतु प्रदान किया जाएगा। साथ ही पीड़िता को रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष  से भी आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।

वादिनी मुकदमा के अनुसार  4 नवंबर 2019 को शाम समय 4:30 बजे उसकी पुत्री उम्र 12 वर्ष घर पर अकेले दरवाजे पर खाना खा रही थी, तभी अचानक मोनू उसके दरवाजे पर आकर उसकी नाबालिक पुत्री का जबरन हाथ पड़कर घर के अंदर ले गया और दरवाजे की कुंडी बंद कर के साथ उसके मुंह में दुपट्टा बांधकर उसके साथ बलात्कार किया। इसी बीच घर की खिड़की से किसी को देखकर मोनू घर के पीछे के दरवाजे से भाग गया। मोनू ने उसकी पुत्री को घटना के बाबत किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। राज्य की ओर से सात गवाहों के माध्यम से 11 प्रदर्शौ को साबित कराया गया। राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रदीप पांडेय  ने की।

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