देश के नौजवानों के साथ मेरा ‘परम मित्र’ वाला नाता: विकसित भारत युवा नेता संवाद में बोले पीएम मोदी

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश के नौजवानों के साथ उनका ‘परम मित्र’ वाला नाता है और साथ ही विश्वास जताया कि युवा शक्ति का सामर्थ्य ही भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा। ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बड़े सपने देखना, एक मजबूत प्रतिबद्धता बनाना और एक निर्धारित समयसीमा के भीतर उन सपनों को प्राप्त करना पूरी तरह से संभव है। 

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी देश की प्रगति के लिए, उसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक लक्ष्य के बिना जीवन अकल्पनीय है! लक्ष्य हमें उद्देश्य और प्रेरणा प्रदान करते हैं। जब हम महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो हम उन्हें पूरा करने के लिए अथक प्रयास करते हैं। आज भारत इसी भावना को मूर्त रूप दे रहा है।’’ मोदी ने कहा कि विकसित भारत यानी जो आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त होगा, जहां अर्थव्यवस्था भी बुलंद होगी और पारिस्थितिकी भी समृद्ध होगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘जहां अच्छी कमाई और पढ़ाई के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे। जहां दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी कौशल से लैस होगी। जहां युवाओं के पास अपने सपने पूरा करने के लिए खुला आसमान होगा।’’ प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में 30 लाख से अधिक प्रतिभागियों में से योग्यता-आधारित, बहु-स्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए 3,000 युवाओं के साथ संवाद भी किया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश के नौजवानों के साथ ‘परम मित्र’ वाला नाता है और मित्रता की सबसे मजबूत कड़ी होती है ‘विश्वास’। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आप पर बहुत विश्वास है और इसी विश्वास ने मुझे ‘माय भारत’ के गठन की प्रेरणा दी। इसी विश्वास ने विकसित भारत युवा नेता संवाद का आधार बनाया। मेरा विश्वास कहता है कि युवा शक्ति का सामर्थ्य भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा।’’ 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो आंकड़ों का जोड़ भाग करते रहते हैं, उनको लगता होगा कि यह सब बहुत मुश्किल है लेकिन मेरी आत्मा कहती है, आप सबके भरोसे से कहती है- लक्ष्य बड़ा जरूर है लेकिन असंभव नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब करोड़ों युवाओं की भुजाएं विकास रथ के पहिए को आगे बढ़ा रही हैं, तब हम जरूर लक्ष्य पर पहुंचेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज अगर स्वामी विवेकानंद सशरीर हमारे बीच होते तो 21वीं सदी के युवा की इस जागृत शक्ति को देखकर और आपके सक्रिय प्रयासों को देखकर वह भारत में एक नया विश्वास भर देते, एक नयी ऊर्जा भर देते और नए सपनों के बीज बो देते।’’ 

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