HMPV को लेकर राजधानी में बरती जा रही लापरवाही, बेड आरक्षित, लेकिन जांच के लिए नहीं अलग काउंटर 

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) को लेकर सरकारी अस्पतालों में भले ही बेड आरक्षित कर दिए गए हों, लेकिन अभी तक जांच के लिए अलग से काउंटर बनाने की कवायद नहीं हो सकी। इससे वायरस का प्रसार होने का खतरा बना हुआ है। हालांकि, जिम्मेदारों का कहना है कि मरीज में लक्षण होने पर उसके नमूने लिए जाएंगे।

राजधानी में एक बुजुर्ग महिला की एचएमपीवी रिपोर्ट निजी अस्पताल की जांच में पॉजिटिव आने के बाद शासन ने सभी अस्पतालों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। शासन के निर्देश पर सरकारी अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए। लेकिन संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए अलग से काउंटर नहीं बनाए जा सके।

ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगी की जांच तक डॉक्टर नहीं लिख रहे हैं। डॉक्टर हफ्ते भर के अंदर मर्ज ठीक होने की बात कहकर उन्हें दवा देकर वापस कर रहे हैं। बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, रानीलक्ष्मीबाई, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय समेत किसी भी सीएचसी पर नमूना कलेक्शन के लिए कोई भी इंतजाम नहीं हैं। अफसरों का कहना है अभी तक नमूना कलेक्शन के लिए कोई भी गाइड लाइन नहीं मिली है। नए दिशा निर्देश आते ही काउंटर बनाने के साथ नमूना कलेक्शन कराया जाएगा। बलरामपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु के मुताबिक कोविड की तरह कलेक्शन सेंटर अलग से बनाए जाने के लिए अभी आदेश नहीं मिला है।

संक्रमित महिला की हालत में सुधार

बलरामपुर अस्पताल में भर्ती एचएमपीवी से संक्रमित मिली महिला की हालत में सुधार है। उसकी जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव आ चुकी है। महिला की अब सांस नहीं फूल रही है, हालांकि अभी छाती में थोड़ी जकड़न है। डॉक्टरों के निर्देश पर परिजन महिला को निमुलाइज करवा रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है महिला को दो-तीन दिन के अंदर छुट्टी दे दी जाएगी।

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