पीलीभीत: वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित परिवारों की मदद को पीटीआर ने बढ़ाए हाथ, अब तक 52 लोग बाघ हमलों में गंवा चुके जान
पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद में मानव-वन्यजीव संघर्ष में अपनों को खो चुके प्रभावित परिवारों की मदद के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं विश्व प्रकृति निधि चरणबद्ध तरीके से अभियान चला रहा है। वन अफसर लगतार प्रभावित परिवारों से संपर्क कर उन्हें किस योजना के माध्यम से लाभ दिया जा सकता है, इसकी पड़ताल में जुटे हैं, ताकि इन परिवारों के आगे रोजी-रोटी का संकट न खड़ा हो। शनिवार को पीटीआर मुख्यालय पहुंचे वन्यजीव प्रभावित परिवारों से वन अफसरों ने संवाद कर उनका दुखदर्द जाना और इस बात की भी पड़ताल की कि उन्हें किस योजना के अंतर्गत लाभ दिया जा सकता है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जहां बाघों की संख्या बढ़ी है, वहीं बाघ समेत वन्यजीवों के बाहर निकलने से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी लगातार प्रकाश में आ रही हैं। टाइगर रिजर्व के बनने के बाद अब तक जंगल सीमा से सटे इलाकों में करीब 52 लोग बाघ हमलों में जान गंवा चुके हैं। बाघ हमले से प्रभावित परिवारों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इधर वन्यजीवों के लगातार जंगल से बाहर निकलने और इनसे होने वाली घटनाओं के बाद ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के प्रति काफी नकारात्मक माहौल देखा जा रहा था। इसको लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने मानव-वन्यजीव सह अस्तित्व अभियान की शुरूआत की है। जंगल सीमा से सटे 72 संवेदनशील गांवों के ग्रामीणों को जागरुक किया जा रहा है, ताकि इंसानों के साथ-साथ वन्यजीव भी सुरक्षित रहे। इसके अलावा पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने विश्व प्रकृति निधि के सहयोग से अब उन परिवारों की मुश्किलें कम करने की ओर कदम बढ़ाए हैं, जिनके परिवार के सदस्य बाघ हमलों में मारे जा चुके हैं। इस अभियान पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। वन अफसरों ने इन परिवारों से संपर्क साधने के बाद इनसे संवाद स्थापित कर इनकी जरुरत को जाना और अब इन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य मदद दी जा रही है। पूर्व में अभियान के प्रथम चरण में 04 परिवारों को लाभ दिलाया जा चुका है।
योजनाओं का दिलाया जाएगा लाभ, सौंपी सिलाई मशीन
पीलीभीत टाइगर रिजर्व मुख्यालय पर शनिवार को अभियान के दूसरे चरण के तहत डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सभी वन्यजीव प्रभावित परिवारों को आमंत्रित किया गया। सभागार कक्ष में हुए कार्यक्रम में टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर ने प्रभावित परिवारों से संवाद कर उनके दुख-दर्द का जाना और उन्हें भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के जीविकोपार्जन में कोई दिक्कतें न आए, इसको लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। दूसरे चरण में समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने पर जोर दिया गया। संवाद के दौरान बच्चों की पढ़ाई से संबंधित समस्या को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने की जानकारी दी गई। बताया गया कि इस योजना के तहत पात्र बच्चों को सरकार की ओर से 2500 रुपये प्रतिमाह शिक्षण कार्य के लिए दिया जाता है। कहा गया कि जल्द ही सभी के प्रपत्रों को पूरा कर उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए लाभ दिलाया जाएगा। बाघ हमलों में मारे गए परिवारों की विधवा महिलाओं के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विधवा एवं वृद्धा पेंशन का लाभ दिलाने पर भी चर्चा हुई और पात्र लाभार्थियों को लाभ दिलाने का आश्वासन दिया गया। कहा गया कि ऐसे परिवारों के बच्चे जिनकी शादी करने की उम्र हो गई है उनको शादी अनुदान योजना का लाभ दिलाया जाएगा। पीड़ित परिवार के अनुरोध पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व की ओर से उन्हें सिलाई मशीन सौंपी गई। योजनाओं की जानकारी प्रशिक्षु आईएफएस विपिन वर्मा ने दी। संचालन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार ने किया। इसमें परियोजना अधिकारी देवल कदम एवं राहुल कुमार का खासा सहयोग रहा।
