UAE में विदेश मंत्री जयशंकर बोले-पश्चिम एशिया को दुनिया के लिए महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में देखता है भारत
अबू धाबी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले दशक में मजबूत व्यापार, संपर्क, (भारत और मध्य पूर्व की) जनता के बीच आपसी संबंधों से प्रेरित भारत-मध्य पूर्व के संबंधों के महत्वपूर्ण विस्तार को रेखांकित करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत इस क्षेत्र को दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में देखता है। ‘रायसीना मिडिल ईस्ट’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र, जिसे भारत पश्चिम एशिया कहता है, भारत के रणनीतिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है। खाड़ी क्षेत्र में भारत का व्यापार लगभग 160 से 180 अरब अमेरिकी डॉलर है।
Addressed the inaugural session of #RaisinaMiddleEast in Abu Dhabi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 28, 2025
Highlighted the significant expansion of India - Middle East engagement in the past decade, driven by strong trade, connectivity and people to people linkages. And how this partnership holds special importance… https://t.co/RK8I6J6BjQ pic.twitter.com/FSLyFFj4er
जयशंकर ने कहा, ‘‘खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण है। 90 लाख से अधिक भारतीय यहां रहते हैं और काम करते हैं। खाड़ी एमईएनए (मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका) क्षेत्र और भूमध्य सागर के लिए प्रवेश द्वार के रूप में भी काम करती है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ हमारा वार्षिक व्यापार 80 अरब अमेरिकी डॉलर का है, और वहां प्रवासी भारतीय सदस्यों की संख्या लगभग पांच लाख है।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भारत की परियोजनाओं में हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, फॉस्फेट, हरित हाइड्रोजन, इस्पात और पनडुब्बी केबल शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत और मध्य पूर्व के प्रयासों को अफ्रीका, यूरोप, काकेशस और मध्य एशिया में भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
Nice to meet @AnwarGargash, Diplomatic Advisor to the President, UAE this morning.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 28, 2025
Discussed our special partnership and its further progress.
🇮🇳🇦🇪 pic.twitter.com/W0OChrkHux
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘शायद ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें कनेक्टिविटी के अलावा इस तरह के बहुपक्षीय सहयोग के लिए अधिक मजबूत मामला हो...समुद्री सुरक्षा और संरक्षा एक और मुद्दा है, जहां वैश्विक कमी को दूर करने के लिए समझ और तंत्र की जरूरत है।’’ जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व एक विस्तारित पड़ोस है, जिसके साथ भारत पूरी तरह से जुड़ गया है, और नई दिल्ली को इस क्षेत्र के साथ अपने जुड़ाव को और गहरा करने की जरूरत है। मंत्री ने मंगलवार सुबह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर गरगाश से भी मुलाकात की तथा भारत और यूएई के बीच विशेष साझेदारी एवं इसकी आगे की प्रगति पर चर्चा की।
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