Kanpur के CSJMU में प्रो. वीएन मिश्रा की बिगड़ी तबीयत...मौत; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के थे प्रोफेसर

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। सीएसजेएमयू में मंगलवार को सीएसजेएमयू व आईआईटी ने संयुक्त रूप और एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की ओर से शहरी विकास के लिए नवाचारी एआई समाधान विषय पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था।

कार्यक्रम के समापन के दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के प्रोफेसर वीएन मिश्र की मौत हो गई। वह अमरकंटक विश्वविद्यालय कुलपति के प्रतिनिधि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। 

अयोध्या के अवधपुरी कॉलोनी निवासी वीएन मिश्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में गणित विभाग के अध्यक्ष थे। वह मंगलवार को सीएसजेएमयू में नवाचारी एआइ समाधान पर केंद्रित राष्ट्रीय सम्मेलन के दो दिवसीय कार्यक्रम में अमरकंटक विश्वविद्यालय कुलपति के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने आए थे।

कार्यक्रम के दूसरे दिन उन्होंने समापन समारोह से पहले अपने कुछ अनुभव को सभी से साझा किए। कार्यक्रम के समापन के दौरान जब वह दर्शक दीर्घा में बैठे थे, तब अचानक से उनकी तबियत खराब हो गई। यह देख पास में मौजूद लोगों में चीख पुकार मच गई।

यह देख मौके पर मौजूद सीएसजेएमयू के डॉक्टरों ने उन्हे तुरंत सीपीआर दिया और एंबुलेंस से रावतपुर स्थित एलपीएस कॉर्डियोलॉजी संस्थान ले गए, जहां उनको देखते हुए डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रोफेसर की मौत की सूचना विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने हादसे की सूचना उनके विश्वविद्यालय में दी।

विश्वविद्यालय के मुताबिक प्रो. वीएन मिश्रा के पिता वेदप्रकाश मिश्र और भाई लक्ष्मी नारायण मिश्र तमिलनाडु़ के वेल्लोर इंजीनियिंग संस्थान में शिक्षक हैं। तबीयत बिगड़ने पर उनको कार्डियोलाजी सेंटर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उनके निधन की दुखद सूचना दी। विश्वविद्यालय परिवार दुख की इस घड़ी में प्रोफेसर मिश्र के परिजनों के साथ है। कॉर्डियोलॉजी के निदेशक डॉ.राकेश वर्मा ने बताया कि लक्षण के मुताबिक हार्ट अटैक प्रतीत होता है। 

संबोधन करते समय आईआईटी प्रोफेसर की हुई थी मौत 

आइआइटी में वर्ष 2023 को दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में पूर्व छात्रों के कार्यक्रम को विज्ञानी प्रो.समीर खांडेकर संबोधित कर रहे थे, तभी वह अचानक मंच पर गिर गए थे और हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई थी। जब यह घटना हुई थी, तब 52 वर्षीय प्रो.खांडेकर मंच से सबको सेहत का ध्यान रखने की सलाह दे रहे थे। वह संस्थान के डीन आफ स्टूडेंट अफेयर्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनके नाम पर 2015 से अब तक 11 पेटेंट दर्ज हैं।

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