संभल के इतिहास व तीर्थों के साहित्य लेखन को गति देने पर मंथन, डीएम ने कहा-सभी करें सहयोग ताकि...
संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की हुई दूसरी बैठक, कई बिंदुओं को लेकर हुई चर्चा

संभल में संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की बैठक बोलते डीएम राजेंद्र पैंसिया...संभल में संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की बैठक में मौजूद समिति के सदस्य
संभल, अमृत विचार। 68 तीर्थ और 19 कूपों की नगरी संभल में संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की दूसरी बैठक में जिला प्रशासन ने पतंजलि शोध संस्थान प्रतिनिधि और विभिन्न वर्गों के साथ बैठक की। जिसमें मुख्य रूप से तीन बिंदुओं को लेकर चर्चा की गई। जिससे सबसे अहम संभल के तीर्थों, महातीर्थों और अन्य चीजों को लेकर साहित्य लेखन को गति दिया जाना रहा। डीएम ने कहा कि इस कार्य में सभी धन, मन और धन से सहयोग करें ताकि संभल देश और विदेश के मानचित्र पर उभर कर आ सके।
शुक्रवार को संभल में नई तहसील सभागार में डीएम डॉ.राजेंद्र पैंसिया की अध्यक्षता में संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें अधिकारियों, धर्मगुरुओं, गणमान्य नागरिकों आदि ने मंथन किया। डीएम ने कहा कि संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की दूसरी बैठक में पार्टनर आर्गेनाइजेशन पतंजलि शोध संस्थान के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, व्यापारी, उद्यमी आदि आए। जिसमें पहला जो हमारे 87 देव तीर्थ और 5 महातीर्थ मिले हैं उनके विकास, पुनरोद्धार और किस तरह से उनका प्रचार प्रसार किया जाए पर चर्चा हुई।
दूसरा, जो साहित्य लेखन होना है जो आरकेलॉजिकल फेक्ट एविडेंस के आधार पर होना है उसे गति प्रदान किए जाने, तीसरा जितने भी लोग हैं वह सब मिलकर इस समिति में सहयोग करें तन,मन और धन से सहयोग करें ताकि हम संभल देश और विदेश के मानचित्र के ऊपर उभार सकें। उन्होंने कहा कि दो उप समितियां बनाई गईं। एक कौर समिति जो पृथ्वीराज चौहान समिति के नाम से और दूसरी सभी के लिए अहिल्याबाई होल्कर समिति रहेगी।
छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए रुचिकर होगा संभल का इतिहास
जिलाधिकारी ने कहा कि हम संभल के इतिहास की पुस्तक निर्माण कर रहे हैं वो कक्षा 1 से लेकर 12 तक छोटे से लेकर बड़े बच्चों तक पढ़ें इस तरह से निर्माण करना है। उसे पाठ्य पुस्तक नहीं लाईब्रेरी का एक अंग बनाया जाए। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता हों और उसी आधार पर जो पुरस्कार होंगे संभल के सभी लोग हमारे इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और हमारी प्राणी विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे। पतंजलि शोध संस्थान की प्रतिनिधि ने कहा कि संभल प्रशासन के साथ जो एमओयू साइन हुआ है उसके इतिहास के पुण्य लेखन का कार्य पतंजलि कर रहा है।
इसमें संभल की जो पौराणिक गाथाएं हैं उनके साइंटिफिक ढंग से ढूंढा जा रहा है। जितने भी पुराने गजिटियर हैं जितना भी पुराणों में वर्णन है, पतंजलि उन सबको एक स्थान पर लेकर आना चाह रहा है। ताकि संभल की स्टोरिकल चीजें हैं उन्हें पुन: स्थापित किया जा सके। उसे दुनिया फिर से जान सके। इसका कार्य चल रहा है। हम और भी आरकेलॉजिकल एविडेंस को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि जितने ज्यादा प्रमाण होंगे उतना ही हमें इसे पुष्टि करने में आसानी रहेगी कि यहां पर बहुत राजवंशों का इतिहास रहा है। बहुत सारे युगों में जो हमारे तीर्थों का वर्णन किया जा रहा है जो पुराणों में वर्णन किया जा रहा है वह बिल्कुल सही है। इस दौरान एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई, एसडीएम डॉ.वंदना मिश्रा, सीओ कुलदीप सिंह आदि रहे।
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