कश्मीरी गीत और कठपुतली नृत्य से सजा हुनरकारी उत्सव, महिला उद्यमियों ने प्रदर्शित किए हस्तशिल्प और कला के उत्कृष्ट उत्पाद
कानपुर, अमृत विचार। कला, संगीत और प्रतिभा को समेटे हुनरकारी उत्सव शुक्रवार को मोतीझील लॉन में शुरू हुआ। तीन दिन के इस उत्सव में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपना हुनर प्रदर्शित किया। कश्मीर के पारंपरिक गीत और कठपुतली नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। महिला उद्यम को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उत्पादों के 60 स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें 35 स्टॉल महिला उद्यमियों के हैं।
फिक्की फ्लो कानपुर और ओडीओपी की ओर से आयोजित हुनरकारी उत्सव की शुरुआत कमिश्नर विजेंद्र पांडीयन ने की। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया। कहा कि इस तरह के उत्सव महिला उद्यमियों को मंच प्रदान करते हैं। समारोह में एडीजी आलोक सिंह व जिलाधिकारी विजेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हुए। पहले दिन के आयोजन में विभिन्न शिल्पकारों की ओर से कला प्रदर्शन और कार्यशाला भी आयोजित की गई। कार्यशाला में पारंपरिक शिल्प को बनाए जाने और उसके बनाने के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई।
विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। इनमें कश्मीर के ‘राउफ डांस’को सभी की सराहना मिली। विशेष बच्चों की ओर से प्रस्तुत की गई ‘यूपी की झलक’ में बच्चों ने प्रदेश की खासियत बताई। समारोह में राजस्थानी पारंपरिक नृत्य ने अतिथि की महिमा और राजस्थानी मिट्टी की वीरता को गीतों के जरिए प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष जॉयश्री दास वर्मा, आईएनटीएसीएच कानपुर की अध्यक्ष वंदना बिंदु मनचंदा, अनंत्य की संस्थापक गीतांजली कसरलीवाल, संयुक्त आयुक्त सुनील कुमार, मीडिया हेड रितु लॉर्ड, इवेंट चेयर वर्षा अग्रवाल व डॉ. शैफाली राज प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
एक डोर से उड़ाईं सौ पतंग
रामपुर से आए पतंगबाज शावेज मियां ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। मैदान में उन्होंने एक ही डोर से सौ पतंग एक साथ उड़ाकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। तिरंगी पतंगों को तेज हवा में उड़ाते हुए शावेज खान ने लोगों को इस हुनर के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पतंगबाजी एक कला है, यह हुनर आनंद के साथ लय भी सिखाता है। वह एक साथ 120 पतंगों को उड़ा चुके हैं। यह यूपी रिकॉर्ड है।
