लॉन्ग कोविड और क्रोनिक फैटिग रोगियों में हो सकती है मस्तिष्क की सूजन, अध्ययन में हुआ खुलासा

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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सिडनी। लॉन्ग कोविड और क्रोनिक फैटिग रोगियों में स्मृति और एकाग्रता से जुड़े मस्तिष्क के एक क्षेत्र में सूजन हो सकती है। ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी दी। ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक अल्ट्रा हाई-फील्ड मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) मशीन का उपयोग करके विश्लेषण किया कि लॉन्ग कोविड और क्रोनिक फैटिग सिंड्रोम (सीएफएस) के नाम से जाना जाने वाला मायलजिक इंसेफेलाइटिस मस्तिष्क की संरचना को समान रूप से कैसे प्रभावित करते हैं।

टीम ने स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में लॉन्ग कोविड और सीएफएस रोगियों में काफी बड़े (सूजन वाले) हिप्पोकैम्पस की पहचान की। हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सीखने और अल्पकालिक यादों को दीर्घकालिक यादों के साथ-साथ मौखिक और स्थानिक स्मृति में बदलने में मदद करता है। शोध में पाया गया कि लॉन्ग कोविड और सीएफएस रोगियों में हिप्पोकैम्पस का आकार समान था और दोनों समूहों में हिप्पोकैम्पस की सूजन लक्षणों की गंभीरता से जुड़ी थी। 

नये अध्ययन के प्रमुख लेखक किरण थपलिया ने बताया कि निष्कर्ष बताते हैं कि लॉन्ग कोविड और सीएफएस रोगियों में हिप्पोकैम्पस की अक्षमता ‘याददाश्त की समस्याओं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और सवालों या बातचीत के जवाब में देरी जैसी संज्ञानात्मक कठिनाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि हिप्पोकैम्पस की सूजन मस्तिष्क में नई कोशिकाएं बनाने की प्रक्रिया ‘न्यूरोजेनेसिस’ या मस्तिष्क में वायरस के कारण भी हो सकती है। यह शोध 17 लॉन्ग कोविड रोगी, 29 सीएफएस रोगी और 15 ऐसे लोगों पर किया गया है, जिन्हें कोई भी समस्या नहीं थी। 

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