कबड्डी छोड़ फेंसिंग के प्रति हुआ लगाव, जुनून से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे
.jpg)
हल्द्वानी, अमृत विचार: तमिलनाडु के जीशो निधि ने अपने शानदार प्रदर्शन से फेंसिंग की सेबर प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। जीशो का यह तीसरा राष्ट्रीय खेल है। वह इससे पहले गुजरात और गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। जीशो ने 2006 में 14 साल की उम्र में खेलना शुरू किया। वह 2009 में भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे और वर्तमान में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हैं। वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिभाग कर चुके हैं और उन्होंने लंदन कॉमनवेल्थ में व्यक्तिगत इवेंट में ब्रॉन्ज जीता। वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 51 मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 12 मेडल अपने नाम किये।
साथ ही जूनियर एशियन में भी मेडल जीत चुके हैं। जीशो ने बताया कि उन्होंने 2006 में पहली बार स्कूल में फेंसिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था, तब उनके स्कूल में पहली बार इस खेल की शुरुआत हुई थी। बताया कि इससे पहले वह कबड्डी खेलते थे, लेकिन जब स्कूल में फेंसिंग खेला तो यह खेल बहुत ही रोमांचक लगा। उनके स्कूल के कोच अमीर दराज ने भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए बहुत प्रेरित किया। जिसके बाद उन्होंने इस खेल को ही अपना जुनून बना लिया।
जीशो ने 2009 से 2015 तक तमिलनाडु के लिए खेला, इसके बाद उन्होंने सर्विसेज ज्वाइन किया और 2023 तक वह सर्विसेज के लिए खेले। हालांकि वर्तमान में वह तमिलनाडु के लिए खेल रहे हैं। उनकी पत्नी सुकन्या डॉक्टर हैं और परिवार में एक छोटा बच्चा है। उनके पिता कुमारसेन कराटे के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और मम्मी भी क्षेत्रीय लीग में थ्रोअर रह चुकी हैं।
साथ में करते थे ट्रेनिंग, पहली बार बने एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी-
जीशो निधि ने फाइनल में जिस खिलाड़ी को हराया, वह भी भारतीय सेना में हैं। जीशो ने बताया कि वह और सिल्वर मेडल जीतने वाले एसएससीबी के ओइनम जुबराज पिछले कई सालों से साथ में ट्रेनिंग करते हैं। यह पहला मौका है, जब दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वंदी बने और इस मुकाबले में उन्होंने तमिलनाडु से खेलते हुए एसएससीबी के अपने साथी खिलाड़ी ओइनम को हराया। उन्होंने इस मुकाबले को बहुत रोमांचक बताया।