अयोध्या: राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को दी गई सरयू नदी में 'जल समाधि'

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या। राममंदिर के मुख्य पुजारी रहे आचार्य सत्येंद्र दास की अंतिम यात्रा गुरुवार को अयोध्या स्थित उनके आवास से निकली और रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हुए सरयू नदी किनारे पहुंची। जहां तुलसीघाट पर उन्हें जलसमाधि दे दी गई। उनके अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में भक्त उमड़ पड़े और उन्हें अंतिम विदाई दी।

बता दें कि बुधवार को आचार्य का पार्थिव शरीर लखनऊ पीजीआई से अयोध्या लाया गया था। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है, लोग श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। गुरुवार सुबह राज्यमंत्री सतीश शर्मा और अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद नेआचार्य को श्रद्धांजलि दी। सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और अन्य भाजपा नेता, संत समाज के लोग भी पुष्पांजलि करने पहुंचे।

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बता दें कि आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म यूपी के संतकबीरनगर जिले में 20 मई 1945 में हुआ था। सत्येंद्र दास बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। सत्येंद्र दास ने 1958 में घर छोड़ दिया और अयोध्या आ गए।

सत्येंद्र दास ने यहीं पढ़ाई की। 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली। 1976 में संस्कृत डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट टीचर की नौकरी मिली। 1 मार्च 1992 को राम मंदिर के मुख्य पुजारी के तौर पर नियुक्त हुए थे। तब उन्हें वेतन के रुपए में हर महीने 100 रुपए मिलते थे। 2019 में अयोध्या के कमिश्नर के निर्देश के बाद उनका वेतन 13 हजार कर दिया था। 

 

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