Kanpur: पूर्वजों की कब्र पर फातिहा, गुनाहों की माफी मांगी, दरुद-ओ-सलाम की बारिश, जगह-जगह जलसे

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। ‘अगर मुझसे जाने-अनजाने में कोई गुस्ताखी हो गई हो, मैंने आपका दिल दुखाया हो तो मुझे माफ कर दीजिएगा।’ शबे-बरात पर अल्लाह को राजी करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर कुछ इसी तरह के मैसेज पोस्ट किए। पूरी रात मुसलमानों ने इबादत कर गुनाहों से माफी मांगी। 

शबे-बरात पर मान्यता है कि अल्लाह ने साल में कौन जिंदा रहेगा, कौन मरेगा, किसके कारोबार में बरकत होगी, किसे नुकसान होगा जैसे तमाम बिंदुओं की इंट्री करने के बाद रजिस्टर बंद कर दिया। अल्लाह ने इस रात बंदों को आवाज लगाई कि है कोई जो मुझसे माफी का तलबगार हो। है कोई जो मेरे सामने संकल्प ले कि अब गुनाहों से दूर रहेगा, कभी गुनाह नहीं करेगा। 

इसके चलते बकरमंडी, चमनगंज, बेकनगंज, कर्नलगंज, कागजी मोहाल, बासमंडी, कुलीबाजार, मछरिया, रावतपुर, रोशन नगर, जूही लाल व सफेद कालोनी, बेगमपुरवा, जाजमऊ, केडीए कालोनी, सुजातगंज, बाबूपुरवा, रेलबाजार, फेथफुलगंज इलाकों में शाम को मगरिब की नमाज के बाद से शुरू हुआ इबादत का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। बड़ी संख्या में लोग बकरमंडी स्थित अवामी कब्रिस्तान, नगर निगम कब्रिस्तान, तकिया बिसातियान में फातिहा पढ़ने पहुंचे। जलसों में मौलाना हाशिम अशरफी, मौलाना हाफिज अब्दुर रहीम बहराइची, मौलाना कासिम हबीबी इलाहाबादी व मुफ्ती हनीफ बरकाती, हाफिज व कारी फैसल जाफरी ने विचार रखे। 

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