लोगों में बढ़ी मोदी जैकेट की डिमांड, गर्मी चढ़ने से पहले ही कॉटन देने लगा ठंडक, 2025 का ये है ट्रेंड
1.png)
नीरज मिश्र, अमृत विचार: आमतौर पर कॉटन के वस्त्रों की मांग होली बीतने के बाद अप्रैल माह के अंत से शुरू होने लगती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है सूती कपड़ों की डिमांड भी रफ्तार पकड़ती जाती है। लेकिन इस बार तापक्रम में तेजी के साथ होते बदलाव ने फरवरी माह से ही कॉटन वस्त्रों के खरीदार बाजार में आना शुरू हो गए हैं। करीब डेढ़ माह पहले ही कॉटन और लेनिन के वस्त्रों की मांग ने तेजी पकड़ ली है। कुर्ता-पायजामा, कॉटन सदरी, पैंट, कार्टराइज्ड, मक्खनजीन, शर्ट आदि की डिमांड से पकड़ा कारोबारी भी खासे उत्साहित हैं।
प्रिंटेड रंगीन कॉटन और सफेट कुर्ता-पायजामा की डिमांड
गर्मी की दस्तक इस बार समय से पहले ही आ गई है। सूती कपड़ों के खरीदार तेजी से बाजारों में आने लगे हैं। मार्च माह की दो तारीख से रमजान शुरू हो रहे हैं तो पहले पखवारे में ही रंगोत्सव यानी होली का पर्व है। ऐसे में सबसे ज्यादा खरीदारी सफेद कुर्ता-पायजामा और कॉटन वस्त्रों की हो रही है। चाहे वह कॉटन की शर्ट हो या फिर लेनिन अथवा कॉटन पैंट का कपड़ा।
मोदी जैकेट, मक्खनजीन और लेनिन ग्राहकों का पसंदीदा
गर्मी की दस्तक के साथ ही मोदी की हॉफ जैकेट के लिए बाजार में तमाम वैरायटी आ गई हैं। वहीं मक्खनजीन और लेनिन वस्त्रों के खरीदार भी खूब हैं।
कॉटन कपड़ा- आज की दर (रुपया प्रति पीस)
मक्खनजीन पैंट- 850 से 1,550
कॉटन पैंट- 850 से 1,250
शर्ट लेनिन- 2,000 से 2,500
कुर्ता पायजामा कॉटन- 1,250 से 1,500
कुर्ता पायजामा लेनिन- 4,000 से 5,000
प्रिंटेड शर्ट लेनिन- 850 से 1,500
कॉटन प्रिंटेड शर्ट- 750 से 1,200
इस बार गर्मी समय से पहले ही शुरू हो गई है। इससे कॉटन वस्त्रों की डिमांड में अचानक तेजी आ गई है। लेनिन की प्रिंटेड शर्ट लोगों को खूब भा रही है। अगले माह से रमजान शुरू हो रहा है। होली भी मार्च में है। ऐसे में होली और रमजान के लिए लोगों ने कॉटन वस्त्र खरीदना शुरू कर दिए हैं।
अशोक मोतियानी, अध्यक्ष उप्र. कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
सच कहें तो कॉटन बाजार गर्म हो गया है। फरवरी के पहले पक्ष से ही गर्मी अपना रंग दिखाना शुरू कर चुकी है। होली तक भीषण गर्मी होने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में कॉटन कपड़े, सूती और हल्की साड़ियां, कुर्ता-पायजामा एवं हॉफ मोदी जैकेट के लिए कॉटन कपड़ों की डिमांड बढ़ना शुरू हो गई है।
प्रभू जालान, उपाध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल
यह भी पढ़ेः अफवाहें बेनकाब, मौनी अमावस्या पर गुम हुए 8,725 लोग अपनों से मिले