महाकुंभ में नेपाल से आए श्रद्धालु को इस्केमिक स्ट्रोक, छह एक्सपर्ट डॉक्टरों ने बचाई जान

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Published By Vishal Singh
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महाकुंभनगर। महाकुंभ में नेपाल से आए इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित श्रद्धालु की स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन अस्पताल) के चिकित्सकों ने जान बचाने में सफलता पाई। अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ. कमलेश सोनकर और उनकी छह एक्सपर्ट डॉक्टरों की पूरी टीम की तत्परता और कुशल उपचार के चलते रामधनी (85) अब पूरी तरह सुरक्षित हैं। नेपाल के रहने वाले बुजुर्ग की बेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एसआरएन के चिकित्सकों को पिता का जीवन रक्षक बताया है।

उनका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां महाकुम्भ में बहुत ही उच्च स्तरीय चिकित्सा इंतजाम किए हैं जिसके तहत यहां तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनके पिता को बचा लिया। नेपाल के लुंबिनी निवासी रामधनी महाकुंभ में मौनी बाबा आश्रम, शांति कुटिया में एक माह से राम नाम जप रहे थे।

14 फरवरी की रात में अचानक उन्हें दाहिने हिस्से में कमजोरी, बोलने में कठिनाई और हल्की बेहोशी महसूस हुई। परिजनों ने तुरंत उन्हें एसआरएन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। जहां विशेषज्ञों ने जांच के बाद पाया कि उन्हें “इस्केमिक स्ट्रोक” हुआ है। डॉ. कमलेश सोनकर और उनकी टीम ने तुरंत थ्रॉम्बोलाइसिस प्रक्रिया शुरू कर ब्लॉकेज हटाया, जिससे मरीज की हालत खतरे से बाहर हो गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए यहां अस्पतालों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। एसआरएन अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर हाईटेक इमेजिंग तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों और तेज आपातकालीन सेवाओं के कारण मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।

एसआरएन ट्रॉमा सेंटर के सह-नोडल अधिकारी डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि महाकुम्भ को देखते हुए अस्पताल की सुविधाओं में लगातार सुधार किया गया है। मरीज की बेटी रीता ने डॉ. कमलेश सोनकर, डॉ. प्रभात सिंह, डॉ. अर्चना ओझा, डॉ. संदीप, डॉ. सुजीत, डॉ. तेज प्रताप और पूरी न्यूरोलॉजी टीम का आभार व्यक्त किया। परिजनों ने कहा कि योगी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के कारण ही उनके पिता को नया जीवन मिल पाया है।

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