UP: रैन बसेरा न ही जल रहे अलाव, खुले में सर्द रातें काट रहे मुसाफिर

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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अमरोहा, अमृत विचार। ठंड अपना असर दिखाने लगी है। अधिकतम तापमान 22 डिग्री तो न्यूनतम पारा 10 डिग्री तक पहुंचने लगा है। रातें सर्द होने लगी हैं, लेकिन जिम्मेदार अब तक रैन बसेरे का इंतजाम नहीं कर पाए। बाहर से आने वाले मुसाफिरों को इधर-उधर रात काटनी पड़ रही है। रविवार को पड़ताल में हकीकत सामने आई।

जिले में अस्थायी रैन बसेरे के लिए हर साल नवंबर की शुरूआत में ही प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार नवंबर बीत गया है, दिसंबर के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी रैन बसेरों में कोई व्यवस्थित इंतजाम नहीं है। दूरदराज से आने वाले लोगों को रात गुजारने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रोडवेज और रेलवे स्टेशन पर राहगीर अपने स्तर से व्यवस्थाएं करके रात गुजार रहे हैं। रेलवे स्टेशन व रोडवेज पर रात को कंबल के सहारे रात गुजारते लोग देखे जा सकते हैं।नीचे से फर्श ठंडी और ऊपर से सर्द हवाएं रात में कई बार जगने को मजबूर कर देती हैं। कई जगहो पर तो रैन बसेरे चलते हुए नहीं मिले। नगर पालिका द्वारा रोडवेज के पीछे महिला और पुरुषों के लिए अलग रुकने की व्यवस्था कराती है। लेकिन वहां भी व्यवस्था कुछ ठीक नहीं है।

शहर में अभी तक नहीं बना रैन-बसेरा
कोहरे की घनी चादर के साथ ठंड बढ़ती जा रही है। ठिठुरन बढ़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त होने लगा है। इस बीच रैन बसेरों का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। रविवार सुबह आसमान में घना कोहरा छाया रहा। ठंडी हवा चलने पर लोग ठिठुरते दिखाई दिए। चालकों को वाहनों की हेडलाइट जलानी पड़ी। धूप निकलने के बाद कोहरा छंटने पर वाहन चालकों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में ही मौसम ने करवट बदली है। 

कोहरा छाने से दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के अलावा अन्य सड़कों पर यातायात प्रभावित हो रहा है। वहीं शाम के बाद बाहर से आने वाले लोग और बसों, टैक्सियों से उतरने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। रैन बसेरे की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। फुटपाथ पर सो रहे बेसहारा लोग भी ठंड में ठिठुर रहे हैं। ईओ ललित कुमार आर्य ने बताया कि रैन बसेरे की सभी तैयारियां पूरी हैं। शासन से आदेश मिलते ही संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

 

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