फरवरी में 22 डिग्री सेल्सियस पहुंचा नैनीताल का पारा
नैनीताल, अमृत विचार: सरोवर नगरी नैनीताल आमतौर पर फरवरी माह में कड़ाके की ठंड के लिए जानी जाती है, मगर इस बार तापमान में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। फरवरी माह में आमतौर पर 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने वाला तापमान वर्तमान में 22 डिग्री तक पहुंच गया है। यह बदलाव न केवल स्थानीय लोगों को चौंका रहा है, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
फरवरी माह में बेहद ठंडा रहने वाला नैनीताल का मौसम बीते कुछ सालों से बदल रहा है। मौसम में दिन के समय गर्माहट महसूस की जा रही है। जिसका मुख्य कारण क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग माना जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बदलाव ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। बीते कुछ सालों में नैनीताल समेत उत्तराखंड के अधिकतर पहाड़ी इलाकों में सर्दी का मौसम छोटा होता जा रहा है और गर्मियों का प्रभाव जल्दी महसूस होने लगा है। पहले जहां फरवरी माह में बर्फबारी देखने को मिलती थी, अब दोपहर के समय गर्माहट महसूस की जा रही है।
आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान के मौसम वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों से सर्दियों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान बढ़ रहा है। जिस वजह से हिमालय भी लगातार पिघल रहा है। वहीं, हिमालयी इलाकों का तापमान भी लगातार बढ़ रहा है। बताया कि फॉरेस्ट फायर और जंगलों में झाड़ियों के कटान से नमी बनाए रखने वाली घास और वनस्पति नष्ट होती जा रही है। जिस वजह से पहाड़ों में सर्दियों के मौसम में पाला पड़ना भी कम हुआ है। बढ़ते कार्बन उत्सर्जन की वजह से मौसम में भी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।
यदि समय रहते जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के उपाय नहीं किए गए तो आने वाले सालों में नैनीताल समेत पूरे उत्तराखंड में गर्मी का असर और अधिक बढ़ सकता है। कहा कि पौधरोपण, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जल संरक्षण जैसे उपायों पर ध्यान देना होगा। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा हो सकता है।
