बदायूं: लोन माफ होने पर भी वसूली का दबाव, बैंक कर्मचारियों पर रिपोर्ट दर्ज
बदायूं, अमृत विचार। बैंक से लोन लेने के बाद एक किसान की मौत हो गई। लोन माफी योजना के अंतर्गत किसान का लोन माफ कर दिया गया था। इसके बाद भी बैंक के कर्मचारियों ने मृतक की पत्नी व बेटे पर लोन के रुपये जमा करने का दवाब बनाया। पत्नी ने खाते में रुपये जमा किए तो आरोप है कि कर्मचारियों ने रुपये निकालकर खाता बंद कर दिया। मृतक की पत्नी व बेटे के जानकारी मांगने पर पासबुक फाड़ दी। मृतक के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू की है।
कोतवाली बिसौली क्षेत्र के गांव मुसिया नगला निवासी गुड्डू ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनके पिता सोनपाल का प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की दबतोरी शाखा से वित्तीय वर्ष 2014-15 में कृषि लोन खाता था। खाते को बीमा पॉलिसी से कवर कराया था। जिसके बाद 10 दिसंबर 2015 को सोनपाल की मौत हो गई थी। लोन माफी योजना के अंतर्गत 29 अगस्त 2017 को लोन माफ कर दिया गया था। आरोप है कि बैंक के कर्मचारियों ने जालसाजी और धोखाधड़ी की। 21 सितंबर 2017 को सोनपाल के खाते से 38 हजार रुपये गलत तरीके से निकालकर खाता दोबारा चालू करा दिया। बैंक के कर्मचारियों को पता था कि सोनपाल की मौत हो चुकी है। केवाईसी नियमों की अवहेलना करते हुए लोन वाले खाते से 21 मई 2020 को दुर्घटना बीमा के लिए काटे गए। जिसके बाद लोन की वसूली के लिए बैंक कर्मचारियों ने गुड्डू व उनकी मां भागवती पर दवाब बनाया।
रिपोर्ट दर्ज कराने और जमीन नीलाम कराने की धमकी दी। जिससे डर की वजह से 20 अक्टूबर 2021 को भागवती ने सोनपाल के लोन के खाते में 18 हजार रुपये जमा कर दिए। जिसके बाद कर्मचारियों ने खाता बंद करके रुपये हड़प लिए। आरोप है कि गुड्डू व भागवती जानकारी करने के लिए बैंक गए तो कर्मचारियों ने गाली-गलौज की और पासबुक फाड़ दी। जानकारी देने से मना कर दिया। पुलिस ने बैंक के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
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