फिलीपींस की बैंक का दल आएगा कानपुर, नगर निगम को देगा सलाह, राजस्व बढ़ाने के तरीकों को सिखाएगा

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Published By Deepak Shukla
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अभिषेक वर्मा, कानपुर। सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में काम करने वाली एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का दल शहर आएगा। बैंक का दल कानपुर नगर निगम द्वारा गृहकर वसूली के प्रयास और कार्यों को जानेगा। सूचनाएं और आंकड़ों को संकलित कर उसका विश्लेषण करेगा। बैंक इसके जरिये गृहकर को बढ़ाने के लिये कानपुर नगर निगम को अपनी सलाह देगा, साथ ही गृहकर के छूट रहे गैप्स को भरने में मदद करेगा। ताकि, नगर निगम राजस्व को बढ़ाकर नगर निगम सीमा में विकास को और बढ़ा सके।

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भारत में संपत्ति कर वृद्धि पर एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारतीय शहरी स्थानीय निकायों में संपत्ति कर से राजस्व बढ़ाने के लिए उसके कारकों का अध्ययन करने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग और अर्बन अफेयर ने बैंक को देश भर के 58 शहरों के शहरी स्थानीय निकायों में राजस्व के आंकड़ों का अध्ययन करने के लिये अपनी सहमति दी है। इसके तहत ही उत्तर प्रदेश के 3 शहरों को चुना गया है। 

इसमें लखनऊ, कानपुर और वाराणसी नगर निगम शामिल हैं। भारतीय मिनिस्टी के पत्र पर उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र भेजा है। विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने इस संबंध में नगर आयुक्त से कहा है कि एशियाई विकास बैंक की टीम जल्द नगर निगम कानपुर आएगी और निकाय में संपत्ति कर से राजस्व बढ़ाने के लिए कारकों का विश्लेषण करने का अध्ययन करेगी। इसलिये अध्ययन दल का सहयोग करते हुये आवश्यक सूचनाएं एवं आंकड़े साझा करें। 

बैंक के बारे में जानें

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) 19 दिसंबर 1966 को स्थापित एक क्षेत्रीय विकास बैंक है, जिसका मुख्यालय 6 एडीबी एवेन्यू, मांडलुयॉन्ग, मेट्रो मनीला 1550, फिलीपींस में है। एशिया में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बैंक दुनिया भर में कार्य करता है।

30 फीसदी राजस्व वसूली नहीं कर सके

शहर में राजस्व वसूली के लक्ष्य में कानुपर नगर निगम पिछड़ गया है। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष विभागीय अधिकारी 70 फीसदी ही वसूली कर पाये हैं। अब वित्तीय वर्ष 2024-25 को खत्म होने में महज डेढ़ महीने ही बचे हैं, इसको लेकर अब नगर नगम ने जोन वार टारगेट बढ़ा दिया है। जोनल अधिकारियों को अब हर दिन लक्ष्य दिया गया है, लक्ष्य के सापेक्ष वसूली नहीं कर पाने वाले अधिकारियों के खाते में बचा पैसा अगले दिन के लक्ष्य में जोड़ा जा रहा है।

गृहकर वसूली आय का सबसे बड़ा जरिया

गृहकर वसूली नगर निगम की आय का सबसे बड़ा जरिया है। कम वसूली होने पर विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने सभी जोनल प्रभारियों को आदेश दि है कि हर हाल में चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य पूरा किया जाए। पहले 600 करोड़ रुपये लक्ष्य तय किया गया था बाद में 521.69 करोड़ रुपये लक्ष्य रखा गया है। इसमें अभी तक 70 प्रतिशत वसूली की गयी है। बाकी 30 प्रतिशत लक्ष्य शेष दिनों में पूरा करने के आदेश दिए है। बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष में 398 करोड़ रुपये आय हुई थी। रोज के हिसाब से हर जोन का लक्ष्य तय कर दिया गया है। लक्ष्य न पूरा होने पर बैकलाग को अगले दिन जोडकर वसूला जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती न जाए।

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