वन दरोगा सरकार का खजाना भरें कि जंगलों की सुरक्षा करें

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Published By Pawan Singh Kunwar
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हल्द्वानी, अमृत विचार : वन आरक्षियों की हड़ताल से वन विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गौला नदी में खनन प्रभावित हो रहा है। इस वजह से वन विभाग ने वन दरोगाओं को तैनात किया है, ऐसे में उनके सामने संकट हो गया है कि जंगलों की सुरक्षा करें या नदी में खनन कराएं। 

गौला नदी में 11 उपखनिज निकासी गेटों से खनन होता है। प्रत्येक गेट पर एक एक-एक वन आरक्षी बतौर गेट इंचार्ज तैनात किए जाते हैं। इसके अलावा, तीन-चार रेंज ऑफिस में खनन संबंधी कागजी कार्यवाही और तीन-चार गश्त में रहते हैं। इस तरह लगभग 20 आरक्षी तो सिर्फ गौला नदी में खनन काम लगाए जाते हैं जबकि गौला रेंज में 24 आरक्षी ही हैं। इधर, वन आरक्षी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं जिससे गेटों पर इंचार्ज  समेत सभी काम प्रभावित हो गए हैं। इसको देखते हुए आला अधिकारियों ने वन दरोगाओं पर गेट पर तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद गेटों ऑफिस काम के लिए वन दरोगा तैनात कर दिए गए हैं।

फायर सीजन भी शुरू हो चुका है। वन दरोगाओं को मॉक ड्रिल, फायर वॉचर की तैनाती, जंगलों में गश्त वगैरह अन्य काम भी करने हैं। ऐसे में  अब उनकी तैनाती गेटों पर होने से सभी काम प्रभावित हो गए हैं। उन्हें कुछ भी समझ में नहीं रहा है कि जंगलों में वन वन्यजीवों की सुरक्षा में मुस्तैद रहें कि गौला नदी में खनन करवाएं। हालांकि आला अधिकारियों का दावा है कि वन दरोगा दोनों काम कर ले रहे हैं।

गौला  रेंजर चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि वन आरक्षी हड़ताल पर हैं, इस वजह से वन दरोगाओं को तैनात किया गया है। वे  नदी में खनन के साथ ही जंगलों के काम भी निबटा रहे हैं।

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