होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में हड़ताल, निदेशक ने किया दो दिन में स्टाइपेंड दिलाने का वादा
लखनऊ, अमृत विचार: स्टाइपेंड न मिलने से आक्रोशित राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पीजी छात्रों ने सोमवार को हड़ताल कर दी। इससे 500 से अधिक मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। निदेशक ने दो दिन में छात्रों को स्टाइपेंड दिए जाने का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म कराया।
गोमतीनगर हैनीमैन चौराहा स्थित होम्योपैथिक कॉलेज के अलग-अलग बैच के पीजी छात्रों ने सुबह काम ठप कर परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी। स्टाइपेंड हमारा अधिकार... आदि स्लोगन लिखे पोस्टर हाथ में लेकर प्रदर्शन किया। इससे ओपीडी में मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। उन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ा। छात्रों का कहना था छह वर्ष से स्टाइपेंड या वेतन नहीं मिला है। इसको लेकर कई बार मुख्यमंत्री आईजीआरएस पोर्टल, आयुष महानिदेशक, निदेशक समेत अन्य अफसरों से पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। छात्रों का आरोप है कि विभाग की ओर से शासन को भी गलत जानकारी दी गई है।
बताया कि बैच 2018 व 2019 के छात्र-छात्राओं का 8 माह का स्टाइपेंड बकाया है। ऐसे ही बैच 2021 का 10 माह, बैच 2022 का 9 और बैच 2023 का 6 माह का स्टाइपेंड का भुगतान अभी तक नहीं हो सकता है। छात्र-छात्राओं को समय से स्टाइपेंड नहीं मिलने से पढ़ाई, शोध, जरूरी सामग्री की खरीद, आवास किराया आदि का भुगतान करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
शासन ने दीपावली पर जल्द ही कर्मचारियों का वेतन या स्टाइपेंड आदि का भुगतान जारी करने के निर्देश दिए थे। छात्र लंबे समय से आयुष महानिदेशक, होम्योपैथी निदेशक, कॉलेज के प्राचार्य से स्टाइपेंड बकाया होने की शिकायत कर चुके हैं। छात्रों ने कहा कि उन्हें बताया जाता है कि बजट नहीं है, जबकि वह लोग अस्पताल में रोजाना मरीजों को इलाज देने का काम भी करते हैं। शासन प्रशासन की ओर से लगाए जाने वाले स्वास्थ्य शिविरों में भी ड्यूटी करते हैं।
शासन स्तर से मामला लटका था। कुछ कमियां थीं जिन्हें दूर करा दिया गया है। अब बजट मिल गया है। एक दो दिन में स्टाइपेंड छात्रों को मिल जाएगा।
डॉ. अरविंद वर्मा, निदेशक होम्योपैथिक
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