Mahashivratri Story: आखिर क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी !
अमृत विचार : महाशिरात्रि शिव भक्तों के लिए बेहद खास पर्व होता हैं। महाशिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की रात'। इस दिन शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती हैं। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि मनाई जाती हैं। जिसे मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता हैं। महाशिवरात्रि की रात जाग्रति की रात होती हैं इसी वजह से इसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता हैं। मान्यता हैं कि इस दिन जागरण और शिव के नाम का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख-शांति रहती हैं। शिव-पार्वती की कृपा उन पर बनी रहती हैं। इस दिन देशभर के शिव मंदिरो और सभी 12 ज्यार्तिर्लिंगो में शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ती हैं।
लेकिन फिर ये सवाल उठता हैं कि आखिर महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती हैं इसकी अलग-अलग मान्यतायें और कथायें
हैं, शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि का विशेष महत्व हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। जो कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होता हैं। एक कथा ये भी हैं कि फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव पहली बार ज्यार्तिर्लिंग में प्रकट हुए थे और फिर तभी से महाशिवरात्रि के रूप में इसे मनाया जाने लगा। या यू कहे तो निराकार से साकार रूप में शिव के अवतरण की रात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है।
कैसे मनाये महाशिवरात्रि का ये पर्व -
-इस दिन व्रत रखकर लोग सुबह शिवलिंग की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।
-शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, फल-फूल इत्यादि चढ़ाया जाता हैं, मान्यता हैं कि शिव को बेलपत्र बेहद पसंद होता हैं।
-वहीं रात्रि के समय कई जगहों पर शिवजी की बारात निकली जाती हैं। और भक्तगढ़ झूमकर नाचते-गाते भगवान शिव और माता पार्वती की शादी में शामिल होते हैं।
-महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिव की चार प्रहर में पूजा का विधान हैं।
-इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता हैं। इसके साथ ही भगवान शिव के १०८ नामों का जप भी किया जाता हैं।
