बेस में आयुष्मान से नहीं हो रहे आंख के ऑपरेशन

हल्द्वानी, अमृत विचार: सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना से नहीं हो रहे हैं। हालांकि उपचार में मरीजों का खर्चा नहीं होता है। इसके बावजूद लोग आयुष्मान भारत योजना से ऑपरेशन करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जिस वजह से अस्पताल में आंखों के ऑपरेशनों की संख्या लगातार कम हो रही है।
अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार बेस अस्पताल कुमाऊं का प्रमुख नेत्र रोगों का अस्पताल है। यहां बड़ी संख्या में आंखों के ऑपरेशन किए जाते हैं। गर्मियों की अपेक्षा ठंड के दिनों में ऑपरेशनों की संख्या बढ़ जाती है क्योंकि गर्मियों में ऑपरेशन के दौरान संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा रहा है। इसलिए आंखों के मरीज ऑपरेशन के लिए गर्मियों की अपेक्षा ठंड को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। साल 2024 के जनवरी माह में 214 ऑपरेशन हुए थे। फरवरी 2024 में 164 ऑपरेशन हुए थे। इसी तरह दिसंबर 2024 में 177 मरीजों ने आंखों के ऑपरेशन बेस अस्पताल में करवाए थे। जनवरी 2025 में 145 और फरवरी में 163 लोगों ने ही आंखों के ऑपरेशन करवाए थे। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार यह संख्या बढ़नी चाहिए थी और बढ़ने की जगह यह संख्या कम होने लगी है। इसका मुख्य कारण अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन के लिए आयुष्मान भारत योजना का लागू नहीं होना है। हालांकि आंखों के ऑपरेशन निशुल्क किए जाते हैं। इसके बावजूद लोग आयुष्मान भारत योजना के लिए डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल जा रहे हैं। नेत्र विभाग की ओटी की एक कर्मचारी ने बताया कि लोग मांग भी करते हैं कि यहां पर आंखों के ऑपरेशन के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू की जाए।
डाइबटीज व असंतुलित भोजन बना रहा मोतियाबंद का शिकार
हल्द्वानी। बेस अस्पताल के नेत्र सर्जन डॉ. केएस दताल ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ आंखों में समस्या होना आम बात है। साथ ही देखा जा रहा है कि अब लोगों को कम उम्र से ही डाइबटीज की समस्या हो रही है। डाइबटीज की समस्या से आंखों की परेशानी बढ़ती है। इसके साथ ही जो लोग असंतुलित तरीके से भोजन करते हैं, उनकी भी आंखों में समस्या होती है। यह सब कारण आंखों में मोतियाबंद की वजह बनते हैं।
बेस अस्पताल की दीवारों पर होगी चित्रकारी
हल्द्वानी। सोबन सिंह जीना अस्पताल की नैनीताल रोड से सटी दीवार को तोड़कर नया बनाया गया है। दीवारों पर चित्रकारी का दौर चल रहा है। अभी तक सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय खेलों से संबंधित चित्रकारी की जा रही थी लेकिन अब राष्ट्रीय खेलों का समापन हो गया है। इसलिए बेस अस्पताल की दीवारों पर अब स्वास्थ्य संबंधित चित्रकारी की जाएगी। इसमें रोगों से बचाव थीम पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। पीएमएस डॉ. केके पांडे ने बताया कि संबंधित विभाग ने इस बारे में बातचीत की है। यह अच्छा है कि दीवारों पर चित्रकारी के जरिए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग किया जाए।