शाहजहांपुर में बाघ और तेंदुए का आतंक जारी, पशुओं का कर रहे शिकार

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Published By Preeti Kohli
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खुटार, अमृत विचार: जंगल में पेड़ों के अवैध कटान के चलते जंगली जानवर अब आबादी के बीच पहुंच कर पशुओं का शिकार कर रहे हैं। साथ ही लोगों को क्षति पहुंचा रहे हैं। हाल ही में गांव चांदपुर में रहने वाले किसान को बाघ ने हमला कर जख्मी कर दिया था।

खुटार क्षेत्र में बाघ, तेंदुए की चहलकदमी कई दिनों से अलग-अलग स्थानों पर सुनने और देखने को मिल रही है।इन मामलों में वन विभाग को सूचना दी जाती है। कभी घटना से ही इंकार कर दिया जाता है और अधिक दबाव पड़ने पर वनकर्मियों को भेजकर पगचिन्हों को ट्रेस करने के नाम पर खानापूर्ति करा ली जाती है।

स्थानीय अधिकारियों ने बाघ व तेंदुए को जंगल की ओर खदेड़ने और निगरानी, बचाव के तहत कोई सुझाव देने पर कोई जोर नहीं दिया और न ही अभियान चलाकर ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत समझी गई। बाघ व तेंदुआ गांव सलनहा, बरगदिया, चांदपुर, चतुरपुर, कजरा, बैकुंठापुर, दिलीपपुर आदि गांवों में देखा जा चुका है।

बाघ और तेंदुए ने पशुओं को बनाया निवाला, एक किसान को किया जख्मी
1-11 जनवरी 25 को गांव दिलीपपुर निवासी दिनेश पांडेय के घर में तेदुएं ने बछड़े को मार दिया था

2-12 फरवरी 25 को गांव बरगदिया निवासी राज नारायण के घर के आंगन में बंधा बछड़े को बाघ ने बनाया था निवाला

3- 15 फरवरी 25 को गांव बैकुंठापुर निवासी यसनदीप सिंह की कुतिया का तेंदुआ ने किया था शिकार, किसान पर हमला

4-28 फरवरी 25 को चांदपुर निवासी रामऔतार शुक्ला पर बाघ का हमला, अन्य श्रमिक बाल-बाल बचे थे

5-04 मार्च को गांव कजरा निवासी गुरुदत्त सिंह घर में तेंदुए ने नेपोलियन कुत्ते को बनाया था निवाला

समूह बनाकर जाते हैं किसान

डर से किसान व श्रमिक खेत पर जाने से कतराने लगे हैं। जाते भी हैं तो समूह बनाकर खेत पर काम करते हैं। गांव चांदपुर और बरगदिया में यही हालत है।

तेंदुआ और बाघ की चहलकदमी को लेकर तीन टीमें गठित की गई है। जो क्षेत्र लगातार कांबिंग कर रही है। और लोगों को सचेत भी कर रही है- डॉ. सुशील कुमार, एसडीओ वन विभाग शाहजहांपुर

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