बाराबंकी: दरगाह पर हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाएंगे रंगों का त्योहार, कौमी एकता का निकलेगा जुलूस

बाराबंकी: दरगाह पर हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाएंगे रंगों का त्योहार, कौमी एकता का निकलेगा जुलूस

दीपराज सिंह/देवा/बाराबंकी, अमृत विचार। कस्बा देवा में सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर इस साल भी फूलों और गुलाल की होली मनाई जाएगी। यह आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करता है। कार्यक्रम की शुरुआत कस्बे के कौमी एकता गेट से जुलूस के रूप में होगी। जुलूस निर्धारित मार्गों से होता हुआ दरगाह तक जाएगा। 

इस आयोजन में सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे। अवध की शान कही जाने वाली देवा शरीफ की होली में श्रद्धालु दरगाह परिसर में अबीर-गुलाल और फूलों से एक-दूसरे को रंगेंगे। वारसी होली समिति के अध्यक्ष शहजादे आलम वारसी जुलूस की अगुवाई करेंगे। प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई है। पूरे मार्ग पर निगरानी रखी जाएगी। इससे जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगा।

सूफी संत हाजी वारिस अली शाह प्रेम और भाईचारे के प्रतीक रहे हैं। उनकी दरगाह पर होली मनाने की परंपरा समाज को संदेश देती है कि यह त्योहार धर्म से ऊपर है। जुलूस का समापन दरगाह परिसर में होगा। यहां सभी समुदाय के लोग एकजुट होकर शांति का संदेश देंगे।

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