पीलीभीत: प्रसव के दौरान नवजात के दिमाग की फटी नसें, मौत

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार : शहर के निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान हुई नवजात की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई पहलू निकलकर आए हैं। जिसमें प्रसव के दौरान नवजात के दवाब पड़ने की वजह से उसकी दिमाग की नसें फटने से उसकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक प्रसव के दौरान ऑक्सीजन की कमी की भी पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के तथ्य पीड़ित के आरोपों को सही साबित कर रहे हैं।

कोतवाली क्षेत्र के ग्राम चंदोई निवासी राजीव मौर्य ने दर्ज कराई शिकायत में बताया था कि एक मार्च को प्रसव पीड़ा होने पर उसने अपनी पत्नी अंजली मौर्य को धुनों वाले चौराहा पर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां नवजात की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। परिवार का आरोप था कि आरोप है कि महिला चिकित्सक ने गलत इलाज करते हुए जबरन उसका नॉर्मल प्रसव करने की कोशिश की थी। जिस से नवजात की जान चली गई थी। 

इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। दो चिकित्सकों का पैनल गठित कर दो मार्च को नवजात का पोस्टमार्टम किया था। छह दिन बाद आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत से जुड़े तीन अहम कारणों की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक प्रसव के दौरान ऑक्सीजन की कमी (पेरिनेटल एस्फिक्सिया), सिर में रक्तस्राव (सेफाल्हेमेटोमा), और मस्तिष्क की नलिकाओं में रक्तस्राव (वेंट्रिकुलर हेमरेज) के कारण बच्ची की मौत होने से पुष्टि हुई है। 

साथ ही जांच कमेटी की रिपोर्ट में जिस चिकित्सक ने प्रसव कराया, वह आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से पढ़ी हुई है। अस्पताल का पंजीकरण एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में है। यह चिकित्सक उस अस्पताल के पैनल में शामिल भी नहीं है। इसका भी जिक्र है। ऐसे में पूरे मामले में अस्पताल संचालक व चिकित्सक की गम्भीर लापरवाही सामने आई है। सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत कारण स्पष्ट हो गया है। संबंधित प्रकरण में विचार किया जा रहा है।

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