कासगंज: होली पर इस बार चंद्र ग्रहण का साया! जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

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Published By Pradeep Kumar
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कासगंज, अमृत विचार। फाल्गुन आते ही चारों ओर होली की धूम दिखाई देने लगती है। शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को लोग परंपरागत रूप से होलिका दहन करते हैं। लेकिन होली पर इस बार चंद्रग्रहण का साया है। 

आचार्य पंडित दिवाकर पचौरी पुरोहित ने बताया कि इस बार होली के त्यौहार पर ही साल का पहला खग्रास चंद्र ग्रहण लगने वाला है। भारतीय समय अनुसार शुक्रवार 14 मार्च को यह विरल छाया दिन में सुबह 09.27 बजे प्रवेश कर दोपहर 03.30 बजे तक रहेगी। इस प्रकार करीब छः घंटे का चन्द्र ग्रहण काल रहेगा। यह भारत में दिखाई देगा। भारत में इस ग्रहण से संबंधित वेध, सूतक, स्नान, दान पुण्य, कर्म, यम और नियम मान्य नहीं होंगे। आचार्य पंडित कृष्ण गोपाल पचौरी ने बताया कि नीमच छावनी पंचांग के अनुसार 13 मार्च को सुबह 10.36 बजे पूर्णिमा का आगमन हो जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च की रात्रि 11.28 बजे से 14 मार्च की ब्रह्म बेला तक रहेगा।

दूसरी तरफ शिक्षाविद् एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सत्य प्रकाश मिश्र ने बताया कि पुराणों के अनुसार मानव शरीर अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी इन पंचतत्वों से निर्मित है। आध्यात्मिक दृष्टि से पंचतत्वों में अग्निदेव को प्रमुख माना गया है जो सभी जीवों के शरीर में निवास करते हुए जीवनभर उसकी रक्षा करते हैं। अतः होलिका दहन में अग्निदेव के पूजन का विधान है। ऐसी मान्यता है कि साथ ही होलिका दहन के समय अग्नि को नया अन्न (गेहूं, जौ एवं चना) समर्पित कर भुनी बालियों को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। ऐसा करने से घर में शुभता का आगमन होता है।

डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि होली का त्यौहार बसंत ऋतु के बाद आता है, इस मौसम में न तो अधिक सर्दी होती है और न अधिक गर्मी। ऐसे मौसम में अनुकूलता के कारण तरह-तरह के बैक्टीरिया पनप जाते हैं जो संक्रमण और मौसमी बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। होलिका दहन के कारण इस क्षेत्र के वातावरण में अग्नि की तीव्रता फैलती है जिससे बैक्टीरिया काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं।

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