संपादकीय: मजबूत सुरक्षा साझेदारी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की दो दिवसीय भारत यात्रा कई अर्थों में महत्वपूर्ण रही। पिछले दो दशकों में भारत और अमेरिका रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी मजबूत करने की दिशा में काफी आगे बढ़े हैं। परंतु ट्रंप की टैरिफ वार नीति ने, जिसमें भारत सहित कई देशों के साथ व्यापारिक शुल्क को लेकर मतभेद उत्पन्न हुए, गबार्ड की यात्रा से भारत-अमेरिका के संबंधों में फिर से काफी गहराई आई है। वैसे भी गबार्ड की इस यात्रा का उद्देश्य आर्थिक सहयोग से आगे बढ़कर रक्षा, सुरक्षा व आतंकवाद रोधी प्रयासों और खुफिया साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करना था।

गबार्ड की यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका वैश्विक सुरक्षा खतरों, आर्थिक अस्थिरता और बदलते अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की जटिलताओं का सामना कर रहे हैं। महत्वपूर्ण है कि अमेरिका अब चरमपंथी संगठनों को अधिक गंभीरता से लेने और उनकी फंडिंग व प्रचार नेटवर्क को नियंत्रित करने की जरूरत को समझ रहा है। ट्रंप प्रशासन आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर अधिक आक्रामक रुख अपनाने के पक्ष में है, जो भारत की सुरक्षा चिंताओं से मेल खाता है। यानी भारत और अमेरिका इस्लामी आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने के लिए साथ आ सकते हैं। साथ ही सामरिक सुरक्षा दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक सामरिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, आतंकरोधी और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग को मजबूत करने में अमेरिका की भूमिका की प्रशंसा की। गबार्ड ने आतंकवाद, रक्षा सुरक्षा और सूचनाओं को साझा करने जैसे मुद्दों पर ट्रंप की प्राथमिकताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका को उन अवसरों पर नजर रखनी चाहिए जहां वे एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। वास्तव में मौजूदा समय में दुनिया में चल रहे युद्धों के बीच ऐसे नेताओं की जरूरत है जो शांति के लिए मित्र और दुश्मनों से सीधे बातचीत कर सकें।

उन्होंने कहा जिस तरह राष्ट्रपति ट्रंप अपनी नीतियों के जरिए अमेरिका के लोगों की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता को प्रमुखता देते हुए अमेरिकी हितों को सर्वोपरि रख रहे हैं, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भी भारत के हितों को आगे रखने के लिए काम कर रहे हैं। उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका सुरक्षा गठबंधन और मजबूत होगा, क्योंकि अमेरिका भारत के साथ मजबूत सुरक्षा साझेदारी बना रहा है। अमेरिका की रणनीति में भारत का महत्व साफतौर पर देखा जा सकता है और द्विपक्षीय संबंधों में गुणात्मक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है।