Kanpur: नवरात्र इस बार आठ दिन के, सर्वार्थ सिद्धि योग से होगा शुभारंभ, भक्तों को कलश स्थापना के मिलेंगे दो विशेष मुहूर्त
कानपुर, अमृत विचार। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा रविवार 30 मार्च को रेवती नक्षत्र और ऐन्द्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग में चैत्र मास के वासंतिक नवरात्र कलश स्थापना के साथ शुरू होंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार कलश स्थापना के लिए भक्तों को दो मुहूर्त मिल रहे हैं। तिथि का क्षय होने के कारण इस बार नवरात्र आठ दिन के होंगे। रविवार से नवरात्र शुरू होने के चलते इस बार मां हाथी पर विराजमान होकर आ रही हैं।
ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि पंचांग गणना अनुसार, 30 मार्च को कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। 30 मार्च को घटस्थापना सुबह 06 बजकर 2 मिनट से लेकर 10 बजकर 9 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना के लिए शुभ समय है। अगर साधक किसी कारणवश सुबह के समय घटस्थापना नहीं कर पाते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि देवी भागवत के अनुसार, जब नवरात्र रविवार से प्रारंभ होता है तो जगदंबा हाथी पर सवार होकर आती हैं। यह बेहद शुभ माना जाता है। हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। माता भक्तों को यश-वैभव, धन-संपदा प्रदान करती हैं। इस वर्ष के राजा और मंत्री सूर्य हैं।
अष्टरात्रि में होगी देवी आराधना
पंचांग अनुसार नवसंवत्सर 2082 में देवी आराधना का पर्व आठ रात्रि तक मनाया जाएगा क्योंकि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया 'क्षय' तिथि है। शास्त्रानुसार जो तिथि दो सूर्योदय स्पर्श न करे उसे पंचांगों में क्षय तिथि माना जाता है। चैत्र शुक्ल तृतीया का प्रारंभ दिनांक 31 मार्च को सुबह 9 बजकर 13 मिनट से होगा एवं समाप्ति दिनांक 1 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 42 मिनट होगी, जबकि 31 मार्च एवं 1 अप्रैल दोनों ही दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 03 मिनट एवं सुबह 06 बजकर 02 मि. पर होगा यानि सूर्योदय के समय दोनों ही दिन तृतीया तिथि नहीं होने से 'तृतीया' क्षय तिथि होगी। तृतीया तिथि के क्षय होने से इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में देवी आराधना आठ रात्रि में होगी। दुर्गाष्टमी 5 अप्रैल 2025 को एवं श्रीराम नवमी 6 अप्रैल 2025 को रहेगी।
