Kanpur: टैरिफ वॉर में फंसे शहर के 129 युवा निर्यातक, कारोबार की अनिश्चितता से परेशान, संकट से उबारने को इन देशों से हो रहा संपर्क...
कानपुर, अमृत विचार। ‘टैरिफ वौर’ से लड़खड़ाएं वैश्विक निर्यात बाजार से शहर के 129 युवा निर्यात फंस गए हैं। यह वे निर्यातक हैं, जिन्होंने हाल ही में निर्यात कारोबार में कदम रखा था। हालात यह है कि बाजार में कदम रखते ही बाजार में आई अस्थिरता और भविष्य के कारोबार की अनिश्चितता से युवा निर्यातक परेशान हैं। अब फियो की ओर से ऐसे में इन निर्यातकों को स्थापित करने के लिए बाजार तलाशा जा रहा है।
शहर का निर्यात बाजार फिलहाल लगभग 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। फियो की ओर से इसे 12 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य बनाकर शहर में नए निर्यातक तैयार किए गए थे। यह वे निर्यातक थे जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अपना निर्यात लाइसेंस बनवाया था। इन निर्यातकों को हाल ही में फियो की ओर से बाकायदा प्रशिक्षण देकर वैश्विक बाजार में उतारा गया था। ‘टैरिफ वॉर’ के बाद बनी वैश्विक बाजार की स्थिति में यह नए निर्यातक टैरिफ का शिकार हो रहे हैं। इन निर्यातकों के ऑर्डर लगातार कैंसिल हो रहे हैं। इसके अलावा नए ऑर्डर पर भी विदेशी खरीदारों की ओर से फिलहाल रोके जाने की बात की जा रही है।
बाजार की स्थिति को देखते हुए ऐसे निर्यातक जिनका कारोबार 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक हैं वे फियो से संपर्क कर रहे हैं। पूरे मामले पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाईजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि शहर के ऐसे निर्यातक जिन्होंने निार्यत बाजार में हाल ही में कदम रखा है उनके लिए ‘टैरिफ वॉर’ चुनौती बना है। ‘टैरिफ वॉर’ के बीच अन्य देशों पर लगाए गए पारस्परिक शुल्कों को देखते हुए देश के निर्यातकों के पास वैश्विक बाजार में काफी अवसर है। इन नए निर्यातकों में अनुभव व बाजार को समझने की कमी है। इसलिए इन हालातों में फियो इनकी सहायता कर रहा है। इन नए निर्यातकों को टैरिफ वॉर के बीच ही नया बाजार देने का प्रयास किया जा रहा है।
तुर्की, नीदरलैंड से संपर्क
नए निर्यातकों को संकट से निकालने के लिए फियो की ओर से ऐसे देशों से संपर्क कराया जा रहा है। टैरिफ बाजार के बीच माना जा रहा है कि इन देशों के बाजार में नए निर्यातकों के लिए काफी अवसर है। इन देशों में तुर्की, नीदरलैंड, ग्रीस, नाइजीरिया, तंजानिया व नॉर्वे जैसे देश शामिल है। निर्यात फियो की ओर से यह भी बताया गया कि इन्हें वहां पर भारतीय दूतावास से संपर्क भी कराया जा रहा है। जिससे इन देशों की बाजारों की आवश्यकताओं की जानकारी निर्यातकों को हो सके।
