कांग्रेस का आरोप- मोदी सरकार ने खत्म की कर प्रशासन व्यवस्था की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने संपन्न वर्गों के बीच कर चोरी के मामलों से संबंधित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने भारत की कर प्रशासन व्यवस्था की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को खत्म कर दिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘डेल्ही स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के निदेशक डॉ. राम सिंह द्वारा तैयार एक हालिया पेपर का उल्लेख किया जिसमें भारत के सबसे संपन्न वर्गों के बीच बड़े पैमाने पर कर चोरी किए जाने का उल्लेख है। 

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि सबसे निचले 10 प्रतिशत परिवारों की कुल घोषित आय, उनकी कुल संपत्ति के 188 प्रतिशत से भी अधिक है तथा शीर्ष 0.1 प्रतिशत परिवारों की कुल रिपोर्ट की गई आय, उनकी पारिवारिक संपत्ति का केवल दो प्रतिशत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अत्यधिक अमीर परिवारों के लिए आय-संपत्ति अनुपात के इतना कम होने का एक अहम कारण टैक्स से बचने की उनकी प्रवृत्ति है। इस तरह, भारत की आयकर प्रणाली वास्तव में पक्षपाती बन गई है, क्योंकि अमीर लोग कर का भुगतान किए बिना ही बच निकलने में सक्षम हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने इस बड़े पैमाने पर कर चोरी की सच्चाई को बदलने के लिए कुछ भी नहीं किया है। उल्टा, नागरिकों और कंपनियों से चुनावी बॉन्ड के जरिए उगाही और राजनीतिक छापों के जरिए विपक्ष को डराने के हथकंडों ने, भारत की कर प्रशासन व्यवस्था की जो भी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा बची थी, उसे खत्म कर दिया है।’’ रमेश ने दावा किया कि प्रत्यक्ष और परोक्ष संदेश यही गया है कि अगर कोई व्यक्ति या कंपनी, भाजपा चुनाव अभियान कोष में मोटा चंदा दे दे, तो किसी भी स्तर की कर चोरी को नजरअंदाज किया जा सकता है।  

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