एक युद्ध, नशे के विरूद्ध : बड़ों से सीखते हैं नशे की आदत, बच्चों के सामने किसी प्रकार का नशा न करें

Campaign against drug addiction: नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के क्रन में मंगलवार को वीणा सुधाकर ओझा महाविद्यालय में 'एक युद्ध, नशे के विरूद्ध' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष व विधानसभा में अवधी अनुवादक डॉ. रामबहादुर मिसिर ने कहा कि बच्चे नशे की आदत अपने बड़ों से सीखते हैं। उन्होंने बड़ों से आग्रह किया कि वे बच्चों के सामने नशा न करें। साथ ही बच्चों को मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त में शामिल न करें।
नारकोटिक्स सेल के प्रभारी अनूप कुमार शुक्ला ने बताया कि बाराबंकी पहले ड्रग्स का हब बन चुका था। पिछले दो वर्षों में पुलिस और नारकोटिक्स विभाग ने 286 करोड़ रुपये की ड्रग्स को नष्ट किया है। इससे जुड़ी संपत्तियों को भी कुर्क कर दिया गया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राम सुरेश वर्मा ने छात्र-छात्राओं से नशे से दूर रहने की अपील की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के 150 छात्र-छात्राओं ने बाराबंकी को नशामुक्त बनाने की शपथ ली।
कार्यक्रम का आयोजन बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से किया गया। इस मौके पर कॉलेज के निदेशक दिनेश कुमार सिंह, संस्था के अध्यक्ष रत्नेश कुमार और मसौली थानाध्यक्ष समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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