बरेली: फर्जी ट्रक चोरी की रिपोर्ट से लूटते थे फाइनेंस कंपनियां, 6 करोड़ की ठगी में 5 गिरफ्तार
बरेली, अमृत विचार: कैंट पुलिस ने कोर्ट के जरिये ट्रक चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराकर फाइनेंस कंपनियों को छह करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के मास्टर माइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने दो चोरी के ट्रक भी बरामद किये हैं। आरोपी बुहत ही शातिराना ढंग से काम करते थे। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया।
पुलिस लाइन में बृहस्पतिवार दोपहर एसपी सिटी मानुष पारीक और सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में बताया कि कैंट पुलिस ने लंबे समय से बरेली समेत अन्य जनपदों में ट्रक चोरी करने और झूठे मुकदमे कोर्ट से लिखाकर फाइनेंस क्लेम लेने वाले गिरोह का खुलासा किया गया है। पुलिस ने कैंट के मोहनपुर निवासी मास्टर माइंड शाकिर उर्फ भूरा मास्टर, ग्राम मजरिया बहेड़ी के आरिफ,
पदारथपुर के सोहेल, रोहिली टोला के सैफउद्दीन और पचदोरा दोरिया भोजीपुरा निवासी ईशाक अली को गिरफ्तार किया। गुरुवार को सभी आरोपी कोर्ट में पेश किए, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। भूरा की निशानदेही पर ट्रांसपोर्ट नगर में सोहेल की दुकान पर खड़े दो चोरी के ट्रकों को भी बरामद किया गया है। आरोपियों को पुलिस ने उस समय धर दबोचा जब ट्रकों के चेसिस और इंजन नंबर को गिलंडर से घिसकर नया नंबर डाल रहे थे।
मोबाइल फोन खंगाला तो हुआ खुलासा
पुलिस ने आरोपी ईशाक अली का मोबाइल फोन खंगाला तो पूरे गिरोह का खुलासा हुआ। मोबाइल में कैंट थाने में चार ,फतेहगंज पूर्वी थाने में दो, थाना अलीगंज में तीन, फरीदपुर में एक और आंवला में चोरी की दर्ज कराई गई रिपोर्ट की पीडीएफ कॉपी बरामद हुई। सभी मुकदमे के आदेश कोर्ट से कराए गए थे। ट्रक के केबिन में सुभाषनगर और सिरौली थाने में दर्ज कराए गए ट्रक चोरी की रिपोर्ट की कॉपी बरामद हुईं। सभी ने बताया कि इस काम को कई सालों से कर रहे हैं।
आरटीओ में भी सेटिंग होने की किया दावा
एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह ट्रक चोरी करता है। इसके बाद फाइनेंस कराए गए ट्रक खरीदकर कोर्ट से उनकी चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराता है। उसके बाद फाइनेंस कंपनियों से सेटिंग कर के उनसे मोटा क्लेम वसूल करता है। उसके बाद ट्रकों के चेचिस और इंजन नंबर को बदलकर आरटीओ में सेटिंग करके ट्रकों के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर नंबर लेते हैं। उसके बाद ट्रकों को अच्छे दामों में बेच देते हैं। अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
किस्त न दे पाने वाले मालिकों से खरीदते हैं ट्रक
आरोपियों ने बताया कि जो ट्रक मालिक लोन की किस्तें नहीं दे पाते हैं उन्हें रुपयों का लालच देते हैं। उसके बाद ट्रक सस्ते दामों में खरीद लेते हैं। वह नहीं बेचता है तो ट्रक मालिक की तरफ से या किसी को कुछ रुपये देकर ट्रक ड्राइवर बनाकर ट्रक चोरी की झूठी रिपोर्ट कोर्ट के जरिए लिखवाते हैं। उसके बाद फाइनेंस कंपनियों से सेटिंग करके क्लेम लेकर आपस में बांट लेते हैं। खराब हालत वाले ट्रक दूसरे जनपदों में बड़े कबाड़ियों से कटवा देते थे।
सभी आरोपियों के काम विभाजित
ईशाक का काम ट्रकों को कटवाना या फाइनेंस के ट्रकों का कोर्ट से चोरी का झूठा मुकदमा लिखाकर फाइनेंस कंपनी से क्लेम दिलाना है। जबकि, किच्छा का रहने बाला बाबू सभी ट्रकों का इंजन व चेसिस नम्बर बदलने-गोदने का काम बखूबी करता है। शाकिर उर्फ भूरा मास्टर व अनीसउद्दीन आरटीओ में सेटिंग करके फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर की फाइल तैयार कराते हैं।
वहीं, अदनान, आरिफ व सैफउद्दीन आसानी से चोरी हो सकने व लोन वाले ट्रकों को ढूंढते हैं। ट्रकों की बॉडी, इंजन व चेसिस नम्बर में जो फेर बदल होता है वह सब सोहेल की खैरात-बैल्डिंग की दुकान पर होता है। गिरोह अभी तक छह करोड़ रुपये का क्लेम ले चुका है।
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