जांच में सामने आया लक्ष इंटरनेशनल स्कूल व पूरनमल एंड संस का गठजोड़
हल्द्वानी, अमृत विचार: शहर के निजी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर हो रहे आर्थिक शोषण की परतें अब खुलने लगी हैं। अभिभावकों की लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर शिक्षा विभाग की ओर से किए गए स्थलीय निरीक्षण में कमलुवागांजा रोड स्थित लक्ष इंटरनेशनल स्कूल को शैक्षणिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया।
जांच के दौरान यह सामने आया कि विद्यालय में एनसीईआरटी की मान्यता प्राप्त किताबों के बजाय महंगे निजी प्रकाशकों की किताबें विद्यार्थियों को दी जा रही थीं। साथ ही, अभिभावकों को एक निर्धारित दुकान कुसमुखेड़ा चौराहे स्थित पूरनमल एंड संस से ही ड्रेस, बैग, जूते और किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा था। यह स्पष्ट रूप से स्कूल और दुकान के बीच गठजोड़ को दर्शाता है, जिसका सीधा असर अभिभावकों की जेब पर पड़ रहा है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) गोविंद राम जायसवाल ने स्कूल प्रबंधन को एक सप्ताह के भीतर साक्ष्यों के साथ लिखित स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं रहा, तो स्कूल की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शिक्षा के नाम पर दुकानदारी और अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ ने एक बार फिर निजी स्कूलों की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों को उम्मीद है कि इस तरह की मनमानी करने वाले अन्य स्कूलों पर भी लगाम लगेगी।
टोल फ्री नंबर पर सेंट मैरी पब्लिक व शेमफोर्ड सीनियर सेकेंड्र्री स्कूल की शिकायत
निजी स्कूलों की मनमानी के विरुद्ध शिकायत करने के लिए पूर्व में निदेशालय की ओर से जारी किये गए टोल फ्री नंबर पर जिले के तीन स्कूलों की शिकायतें मिली हैं। जिसमें सेंट मैरी पब्लिक स्कूल, शेमफोर्ड सीनियर सेकेंड्री स्कूल मोतीनगर और रामनगर स्थित किडजी स्कूल की मनमानी की शिकायतें मिली हैं। अभिभावकों ने निदेशालय के टोल फ्री में शिकायत की है। जिसमें बताया गया है कि सेंट मैरी पब्लिक स्कूल में एनसीईआरटी के अलावा महंगी किताबें मंगवाई जा रही हैं। साथ ही किताबों के लिए अभिभावकों को तय दुकान पर भेजा जा रहा है। मोतीनगर स्थित शेमफोर्ड स्कूल प्रत्येक साल बिना उचित कारण के फीस बढ़ा रहा है। नई ड्रेस के लिए भी पैसे लिये जा रहे हैं और वार्षिक फीस भी बढ़ाई जा रही है। इसी तरह रामनगर के किडजी स्कूल की ओर से हर साल फीस बढ़ाई जा रही है। मुख्य शिक्षाधिकारी जीआर जायसवाल ने संबंधित उप व खंड शिक्षाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट उनके कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
