बनभूलपुरा में कुत्तों ने बच्चों पर किया हमला

Amrit Vichar Network
Published By Pawan Singh Kunwar
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हल्द्वानी, अमृत विचार: नगर निगम के दावों के बाद भी लावारिस जानवरों का कहर बढ़ रहा है। शहर में एक तरफ लावारिस सांड और गाय की वजह से लोगों को जान से हाथ तक धोना पड़ रहा है तो वहीं लावारिस कुत्ते भी आतंक मचाए हुए हैं। बनभूलपुरा में लावारिस कुत्ते ने एक किशोर और एक बच्ची के चेहरे पर काटकर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया है।

अभी हल्द्वानी में एक बच्चे की मौत रेबीज की वजह से हुई। बच्चे को बिल्ली ने काट लिया था। अब बनभूलपुरा के नई बस्ती क्षेत्र में तीन बच्चों पर कुत्ते का आतंक टू पड़ा। यहां लावारिस कुत्तों ने गली में घूम रहे तीन बच्चों को निशाना बना लिया। एक बच्ची की उम्र पांच साल है। एक लड़के की उम्र 12 और एक की उम्र 13 साल है। बच्चों के चेहरे पर कुत्तों ने वार किया है। जिससे उनके गाल, जबड़े और गले में काफी जख्म हो गए। घबराए परिजन तीनों को उपचार के लिए डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे।

यहां बच्ची और 12 साल के बच्चे की हालत को देखते हुए उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया है। 13 वर्षीय लड़के का  उपचार अभी एसटीएच में चल रहा है। उसे भर्ती किया गया है। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि एक बच्चे की हालत सामान्य है। दो बच्चों को और भी अच्छे उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। बनभूलपुरा के सामाजिक कार्यकर्ता उवेस राजा और पम्मी सैफी ने बताया कि क्षेत्र में लावारिस कुत्तों का आतंक है और नगर निगम को इधर भी ध्यान देना चाहिए। 

घर में पालते हैं जानवर तो भी रखें ख्याल
हल्द्वानी: हल्द्वानी में एक बच्चे की रेबीज की वजह से हुई मौत के बाद हड़कंप मच गया है। रेबीज एक लाइलाज बीमारी है। जो बंदर, कुत्ते, बिल्ली, सियार, भेड़िया आदि के काटने से होता है। इनमें से कुत्ते और बिल्ली पालतू जानवर हैं। जिन्हें लोग घर में पालते हैं। पशु चिकित्सकों का कहना है कि यदि घर में कुत्ता या बिल्ली पालते हैं, तो रेबीज का ध्यान रखें। पालतू जानवरों को समय पर रेबीज के टीके लगाएं।

यदि इसके बाद भी पालतू जानवर काट ले या खरोच मार दे तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके पाठक के अनुसार पालतू जानवरों को बिस्तर में नहीं रखना चाहिए। यदि उनके व्यवहार में कोई बड़ा बदलाव आ रहा है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। साथ ही जानवर को नियमित समय पर रेबीज समेत अन्य टीके लगाने चाहिए।